सोना तस्करी मामले में बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव के मामले में बड़ा खुलासा ,दुबई में सोना खरीदा,सीमा शुल्क विभाग को गुमराह कर स्विट्जरलैंड के जिनेवा की जगह आ गईं भारत

बैंगलुरू । सोना तस्करी मामले में बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार की गईं कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब इसमें नया खुलासा हुआ है। एक्ट्रेस ने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में दो बार दुबई में सोना खरीदा और वहां के सीमा शुल्क विभाग को बताया कि वह स्विट्जरलैंड के जिनेवा की यात्रा करेंगी, लेकिन उन्होंने जिनेवा के बजाए भारत की यात्रा की। इससे पता चलता है कि राव ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) से भी झूठ बोला था। राव की गिरफ्तारी के बाद, बेंगलुरु राजस्व खुफिया निदेशालय ने छापेमारी के दौरान टेक सिटी में उनके घर से 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद किए।

सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, डीआरआई ने बताया कि एक्ट्रेस रान्या राव ने 13 नवंबर और 20 दिसंबर को दुबई में सोना खरीदा था और बताया था कि वह जिनेवा जा रही है। लेकिन अरेस्ट मेमो के अनुसार वह भारत आ गईं। राव ने यह माना है कि गिरफ्तारी से पहले वह कम से कम दो मौकों पर दुबई से भारत सोना लेकर आई थीं। डीआरआई अधिकारियों का मानना ​​है कि उसने करीब 4.83 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी की है। डीआरआई को दिए बयान में रान्या ने माना है कि उसने न सिर्फ दुबई, बल्कि यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व की भी यात्रा कर चुकी हैं। साथ ही यह भी स्वीकार किया था कि उसके पास से 17 सोने की छड़ें बरामद की गई थीं। इस बीच, कर्नाटक सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ. के रामचंद्र राव पर एयरपोर्ट के प्रोटोकॉल विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करके अपनी सौतेली बेटी एवं एक्ट्रेस रान्या राव के साथ सोने की तस्करी में शामिल होने के आरोपों की जांच शुरू की है।
यह जांच राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा चार मार्च को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अभिनेत्री की गिरफ्तारी के बाद शुरू की गई है। रान्या के पास कथित रूप से 14.8 किलोग्राम सोने की छड़ें बरामद हुई थीं, जिनकी कीमत 12 करोड़ रुपये से अधिक थी, जिन्हें उन्होंने अपने शरीर पर बंधी एक बेल्ट में छिपाकर रखा था। रिपोर्टों में कहा गया कि राव, जो वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक हैं, ने हवाई अड्डे पर वीआईपी प्रोटोकॉल सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया होगा, जिससे उनकी सौतेली बेटी को सीमा शुल्क जांच से बचने में मदद मिली होगी।