कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ बिल को लेकर हुई हिंसा पर केंद्र सरकार सख्त रुख अपनाया है. अब तक सेंट्रल फोर्स की 15 कंपनियां मुर्शिदाबाद पहुंच चुकी हैं. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बल जिले के प्रभावित इलाकों में संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं.राज्य पुलिस की एक विशेष टीम भी उन इलाकों पर नजर रख रही है.
इस बीच हिंसा को लेकर कई अफवाहें फैलाई जा रही हैं और इन अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मुर्शिदाबाद में कई और जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया गया है. मुर्शिदाबाद के अलावा मालदा और बीरभूम के कुछ हिस्सों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का निर्णय किया गया है.
राज्य प्रशासन ने एक आदेश में कहा है कि यह निर्णय अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए लिया गया है. रविवार से 15 अप्रैल (मंगलवार) रात 10 बजे तक उन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. मालदा और बीरभूम में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का कारण यह बताया गया है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इन दोनों जिलों के संबंधित इलाकों में भी अफवाहें फैल सकती हैं. इसलिए एहतियात के तौर पर मालदा और बीरभूम के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया गया है.
हिंसा में तीन की मौत, दर्जनों हुए घायल👇

बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले के सुती और समशेरगंज प्रखंडों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, कई अन्य घायल हो गए और कई दुकानों में आग लगा दी गई. शुक्रवार को हिंसा शुरू होने के बाद से बड़ी संख्या में लोग उन इलाकों से पलायन कर गए.
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार मुर्शिदाबाद में सुरक्षा बलों की दो कंपनियां पहले से ही तैनात हैं. शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सेना की आठ और कंपनियां जिले में पहुंचीं. रविवार सुबह समग्र स्थिति की समीक्षा के बाद जंगीपुर में सीआरपीएफ की पांच और कंपनियां तैनात करने का निर्णय लिया गया.
सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ ने जंगीपुर पुलिस जिले के धुलियानपुर इलाके में स्थिति से निपटने पर अधिक जोर दिया है. अकेले धुलियान में 300 से अधिक बीएसएफ जवान तैनात किए गए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग को चालू रखने के लिए फरक्का, सुती और शमसेरगंज इलाकों में केंद्रीय बलों की दो कंपनियां तैनात की गई हैं. दो और कंपनियां उस क्षेत्र में रूट मार्च कर रही हैं. एक अन्य कंपनी को ‘त्वरित रिस्पांस टीम’ के रूप में तैयार किया गया है.
हिंसा प्रभावित इलाकों में 15 कंपनी सेंट्रल फोर्स तैनात👇

बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर रविवार रात सीआरपीएफ की पांच और कंपनियां जंगीपुर पहुंचाई जा सकती हैं. सूत्र ने बताया कि सुरक्षा बलों को आपातकालीन आधार पर मुर्शिदाबाद लाया जा रहा है, जिनमें मुख्य रूप से झारखंड, जमशेदपुर और रांची से सुरक्षा बल शामिल हैं. अतिरिक्त बल पहुंचने पर प्रभावित क्षेत्रों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी रूट मार्च जारी रहेगा.
इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ निरंतर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और उनके संपर्क में हैं, जबकि केंद्र सरकार हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.
राज्यपाल ने कहा- उपद्रवियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई👇

गवर्नर ने साफ कहा कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा और किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है तथा बीएसएफ और पुलिस सहित अन्य प्राधिकारियों से विश्वसनीय जानकारी जुटा रही है.
बीएसएफ के डीआईजी साउथ बंगाल फ्रंटियर नीलोत्पल पांडे ने कहा, “फिलहाल जंगीपुर में बीएसएफ की आठ कंपनियां तैनात हैं. हम राज्य पुलिस के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं. हमारा पहला लक्ष्य प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का विश्वास बहाल करना है. “किसी भी परिस्थिति में अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी.”
जंगीपुर पुलिस जिला अधीक्षक आनंद रॉय ने कहा, “यहां पर्याप्त संख्या में राज्य पुलिस भी मौजूद है.” राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की एक विशेष निगरानी टीम शमशेरगंज और सूती थाना क्षेत्रों में काम कर रही है. प्रत्येक थाना क्षेत्र में संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है. वहां निगरानी को अधिक महत्व दिया जा रहा है. केंद्रीय बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस के विशेष बल भी काम कर रहे हैं. नये अशांति की कोई खबर नहीं है. क्षेत्र तेजी से सामान्य स्थिति में लौट रहा है.