कोरबा। शादी करने का झांसा देकर नाबालिक को घर से भगा ले जाने और फिर रास्ते में उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने के बाद झांसा देकर विवाह नहीं करने वाले आरोपी को न्यायालय ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है।
न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता ने उरगा थाना में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़िता का आरोपी अश्वनी कंवर से प्रेम सम्बन्ध था। पीड़िता के परिजन शादी के रिश्ते के लिये 26 फरवरी 2024 को दूसरे गांव जाने वाले थे, जिस बात को उसने पड़ोसी ग्राम भांठापारा निवासी प्रेमी अश्वनी कंवर को बताया। आरोपी द्वारा शादी करूंगा कहकर, घर से भाग चलने और बाहर जाकर कमायेंगे, एक साथ रहेंगे कह कर झांसा दिया। अश्वनी कंवर की बात मानकर पीड़िता घर से निकल गई तब रास्ते में अश्वनी ने बोला कि दो-चार दिन वह(पीड़िता) अपने किसी रिस्तेदार के यहां रूक जाये, जिसके बाद वह उसे आकर ले जायेगा तब पीडिता अपनी दीदी के यहां चली गई। 27 फरवरी 2024 को अश्वनी कंवर पीडिता को उसकी दीदी के घर से निकलकर अपने घर आने के लिये बोला तब उसके द्वारा नहीं आने, कहीं चले जाने की बात बोलने पर अश्वनी कंवर मोटरसायकल में आकर पीडिता को बैठाकर घर लेकर आ रहा था। रास्ते में कोथारी के पास मेन रोड किनारे पैरावट में ले जाकर रात करीबन 10 बजे अश्वनी कंवर ने शादी करूंगा कहकर, शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। बाद में साथ तो रखा लेकिन शादी करने से मुकर गया। पीड़िता की रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध उरगा थाना में अपराध दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचाराधीन मामले में अपर सेशन न्यायाधीश F.T.S.C. (POCSO), कोरबा,न्यायाधीश डॉ० ममता भोजवानी ने दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी अश्वनी कंवर, पिता सम्मे सिंह, उम्र 23 वर्ष, निवासी भांठापारा मोहरा, थाना उरगा को धारा 376 (2) (n) भा०दं०सं० 1860 एवं धारा- 06 पॉक्सो एक्ट 2012 में कुल 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया है। आरोपी पर 12 हजार रुपये अर्थदण्ड भी अधिरोपित है जिसका भुगतान न करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। प्रकरण में शासन की तरफ से सुनील कुमार मिश्रा विशेष लोक अभियोजक ने पैरवी की।