जम्मू-कश्मीर । जम्मू -कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से सटी भारत-नेपाल की 84 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर चौकसी और निगरानी को और सख्त कर दिया गया है।
यहां सशस्त्र सीमा बल, उत्तर प्रदेश पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीमें दिन-रात निगरानी कर रही हैं।
सीसीटीवी, ड्रोन और मेटल डिटेक्टर से लैस हुई सीमा चौकियां
महराजगंज के पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने बताया कि सोनौली और ठूंठीबारी सीमा चौकियों पर अब हाई-टेक सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं। इनमें क्लोज सर्किट कैमरे, ड्रोन कैमरे और मेटल डिटेक्टर शामिल हैं। इन कैमरों की मदद से मुख्य मार्गों के अलावा, एसएसबी चौकियों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
खुली सीमा बनी चुनौती, राष्ट्र विरोधी तत्वों की घुसपैठ रोकना प्राथमिकता
मीना ने कहा, “नेपाल के साथ खुली सीमा होने के कारण यहां रोजाना हजारों लोग सीमा पार करते हैं। यह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए एक संवेदनशील बिंदु बन सकता है। इसलिए सुरक्षा को हर स्तर पर पुख्ता किया गया है।” उन्होंने बताया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस और एसएसबी के जवान हर आने-जाने वाले व्यक्ति की पहचान की जांच कर रहे हैं।
डॉग स्क्वॉड की तैनाती, मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी पर लगाम
सीमा पार से हो रही तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए हथियार और नशीले पदार्थों की पहचान में प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड भी तैनात किया गया है। इन कुत्तों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है जिससे वे संदिग्ध बैग, वाहन और स्थानों में छिपे विस्फोटक या मादक पदार्थ को पहचान सकें।
भीड़भाड़ वाले इलाकों और ढाबों पर विशेष नजर
सुरक्षा बलों द्वारा सीमा से सटे ढाबों, होटलों और बाजारों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यहां मौजूद संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है। सोनौली बॉर्डर पर चल रहे वाहनों की जांच, लोगों की स्कैनिंग और सीसीटीवी फीड की लाइव निगरानी की जा रही है।
नेपाल सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा ऑपरेशन
भारत की एजेंसियों ने नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों से भी संपर्क साधा है। सीमापार घुसपैठ रोकने के लिए सामंजस्यपूर्ण निगरानी की जा रही है, ताकि कोई भी राष्ट्र विरोधी तत्व इस संवेदनशील माहौल का फायदा न उठा सके।