देश के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज का PM मोदी ने उद्घाटन कर लहराया तिरंगा, जानें एफिल टॉवर से भी ऊंचे ब्रिज की खासियत …..

जम्मू कश्मीर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू और कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब ब्रिज का उद्घाटन कर एक ऐतिहासिक पल को अंजाम दिया है. इस शानदार मौके पर प्रधानमंत्री ने हाथ में तिरंगा लेकर ब्रिज पर चहलकदमी की, जिसकी तस्वीरें देशभर में वायरल हो रही हैं.

यह ब्रिज सामरिक रूप से महत्वपूर्ण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का एक अहम हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से हर मौसम में जोड़ेगा.

इस ऐतिहासिक उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ इस परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. उन्होंने इस विशाल पुल के निर्माण में शामिल इंजीनियरों और श्रमिकों से भी बातचीत कर उनके अथक प्रयासों की सराहना की.

एफिल टॉवर से भी ऊंचा है यह ब्रिज👇

चिनाब नदी पर बना यह इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना, फ्रांस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. इसकी नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर (लगभग 1,178 फीट) और लंबाई 1,315 मीटर है. इस पुल को बनाने में लगभग 28,000 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है और इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह -40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान और तेज भूकंप के झटकों को भी झेल सकता है. यह ब्रिज 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का भी सामना करने में सक्षम है.

कटरा-श्रीनगर वंदे भारत को भी मिलेगी हरी झंडी 👇

उद्घाटन समारोह के बाद, प्रधानमंत्री मोदी कटरा से श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे. इस नई ट्रेन सेवा से जम्मू और कश्मीर के बीच यात्रा के समय में भारी कमी आएगी, जिससे पर्यटन और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

बदलेगी कश्मीर की अर्थव्यवस्था की तस्वीर 👇

इस रेल लिंक के शुरू होने से कश्मीर की अर्थव्यवस्था, विशेषकर बागवानी क्षेत्र में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है. कश्मीर का बागवानी उद्योग, जो सालाना 10-12 हजार करोड़ रुपये का है, उसे अब अपने उत्पादों को देश के अन्य हिस्सों में पहुंचाने के लिए एक विश्वसनीय और तेज माध्यम मिलेगा. अब तक, फल उत्पादकों को अक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता था.

पारिमपुरा फ्रूट मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष बशीर साहब ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “जब ट्रेन सीधे कश्मीर से चलेगी, तो हमें बहुत फायदा होगा.” विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई कनेक्टिविटी से बागवानी क्षेत्र की क्षमता बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.

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यह परियोजना न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी इसका बड़ा सामरिक महत्व है. इससे सीमावर्ती इलाकों तक सैनिकों, उपकरणों और रसद को पहुंचाना आसान और तेज हो जाएगा. कुल मिलाकर, चिनाब ब्रिज और नई वंदे भारत ट्रेन सेवा जम्मू और कश्मीर के लिए विकास और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत कर रही है.