बिलासपुर/ कोरबा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोनल मुख्यालय बिलासपुर में शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक के दौरान सांसदों ने रेलवे की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई। छत्तीसगढ़ के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों के सांसदों ने रेलवे अधिकारियों से जवाब तलब किया।
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय राज्य मंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने की। बैठक में कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत, जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े, सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज सहित कुछ सांसद प्रतिनिधि शामिल हुए। रेलवे की ओर से ज़ोनल महाप्रबंधक, अपर मंडल रेल प्रबंधक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में रेल परिचालन व्यवस्था और यात्री सुविधाओं को लेकर कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने रेलवे की बदहाल स्थिति पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले जैसी स्थिति पांच साल बाद भी बहाल नही की है। बल्कि हालात और ज्यादा बदतर हो गए हैं। उन्होंने कहा ट्रेनें रद्द हो रही हैं… देर से चल रही हैं… यात्री परेशान हैं. उनका कहना है कि कोरबा को ‘मिनी भारत’ कहा जाता है। यहाँ खदानों से लेकर बड़े उद्योग हैं और देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। ऐसे में ट्रेनों की कटौती और बार-बार रद्द करने से यात्रियों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है।
सांसद श्रीमती महंत ने ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत नए स्टेशनों के विकास को सकारात्मक पहल बताया, लेकिन उन्होंने गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सांसदों को जानकारी दी जानी चाहिए कि किस योजना पर कितना खर्च हो रहा है और कौन काम कर रहा है। सांसद ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में चलने वाली कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग की है और कहा है कि दिल्ली से चलने वाली साप्ताहिक ट्रेनों की संख्या को बढ़ायी जाये। उन्होंने यह भी कहा कि वे लोकसभा में कोरबा क्षेत्र और विस्थापितों के मुद्दे लगातार उठा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है।
हाल ही में हुए एक रेल हादसे को लेकर भी उन्होंने गंभीर चिंता जताई और कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इसकी तह तक जाकर सच्चाई सामने लानी चाहिए। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब छत्तीसगढ़ सहित कोरबा में रेल यात्रियों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
बैठक के दौरान सांसदों ने साफ कहा कि वे लंबे समय से अपने क्षेत्र की रेल समस्याओं और यात्री ज़रूरतों को लेकर लगातार प्रस्ताव भेज रहे हैं लेकिन रेलवे की ओर से न तो कोई जवाब आता है, और न ही कोई समाधान किया जाता है।
0 सांसदों ने कहा- रेलवे जवाबदारी दिखाए
इस बीच केंद्रीय राज्य मंत्री और बैठक की अध्यक्षता कर रहे बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने सभी सांसदों की बातों को गंभीरता से सुना ।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस समय करीब 47 हजार करोड़ रुपए की रेल परियोजनाएं जारी हैं। इनमें थर्ड और फोर्थ लाइन, स्टेशन पुनर्विकास, और सिग्नलिंग अपग्रेडेशन जैसे कार्य शामिल हैं। सांसदों का कहना है कि वे जनता की आवाज़ बनकर बार-बार रेलवे के सामने अपने क्षेत्र की ज़रूरतें पूरा करने की मांग कर रहे हैं, अब जरूरत है कि रेलवे ज़मीनी स्तर पर जवाबदेही दिखाए।
बिलासपुर में हुई इस बैठक में सांसदों ने न सिर्फ रेलवे की कार्यशैली पर सवाल उठाये गए हैं, बल्कि जनप्रतिनिधियों और जनता की अपेक्षाओं को भी सामने लाया।
देखना होगा कि रेलवे इन समस्याओं का निराकरण करेगा या बैठक सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाएगी।