कोरबा। एसईसीएल गेवरा प्रबंधन की मुआवजा नीति की अनदेखी से आक्रोशित ग्राम नराईबोध के ग्रामीणों ने एसईसीएल गेवरा के खिलाफ हल्ला बोल क्षेत्रीय मुख्यालय के दोनों गेट में सैकड़ो की संख्या में पहुंचकर जाम कर दिया। इससे कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपने कार्यालय में नही पहुंच पाए और दिनभर काम प्रभावित हुआ। ग्रामीणों ने 11 जून को पुनः खदान के मिट्टी कोयला उत्खनन और परिवहन को बंद करने की चेतावनी के साथ आंदोलन समाप्त किया है।
एसईसीएल गेवरा क्षेत्र द्वारा ग्राम नराईबोध की भूमि का अर्जन वर्ष 2009-10 में किया है और अब जाके ग्राम स्थित मकानों और परिसम्पतियों का मूल्यांकन किया गया है, किंतु केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के निर्धारित दर को दरकिनार करके मुआवजा का निर्धारण किये जाने के कारण लोंगो में भारी नाराजगी है। मुआवजा में कटौती के साथ-साथ अभी तक नराईबोध के लिए बसाहट स्थल का चयन नही किया गया है। जिसके कारण ग्रामीणों को भविष्य की चिंता सता रही है। इन्ही मांगो पर विगत 19 मई को ग्राम नराईबोध के ग्रामीणों द्वारा एसईसीएल गेवरा खदान बंद आंदोलन किया गया था।
आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की आंदोलन के दौरान अधिकारियों महाप्रबंधक (खनन) स्टॉफ ऑफिसर (भू. राज.) एसईसीएल-गेवरा क्षेत्र के द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया था कि ग्राम नराईबोध ग्रामीणों के मुआवजा में किसी प्रकार की विसंगति पायी जाती है तो उसे एसईसीएल एवं शासन के द्वारा सुधार कार्य किया जायेगा। पुनर्वास स्थल के संबंध में 31 मई के पूर्व राज्य शासन, प्रबंधन तथा ग्रामवासियों के मध्य त्रिपक्षीय बैठक कर उचित निर्णय लिया जावेगा और मौखिक आश्वासन दिया गया था कि एसईसीएल की टीम ग्राम नराईबोध में जाकर कैम्प लगा कर मकान एवं अन्य परिसंपत्तियों के मुआवजा के संबंध में मकान मुआवजा की गणना की गई राशि दिखाया जाएगा और सुधार कार्य किया जायेगा। लेकिन एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के प्रबंधन ने अपने वादे के अनुरुप कोई कार्य नही किया गया पूर्व में भी बार बार आंदोलन की चेतावनी लिखित में दी गई थी। लेकिन प्रबंधन के द्वारा चेतावनी को नदरअंदाज किया गया।
ग्राम समिति ने किया आंदोलन का रास्ता अख्तियार
वार्ड पार्षद एवं समस्त ग्रामवासियों के द्वारा ग्राम में समिति गठित की गयी हैं। ग्राम समिति द्वारा सभा कर निर्णय लिया गया की एसईसीएल के द्वारा जो लिखित आश्वासन दिया गया था। उस पर प्रबंधन अमल नहीं कर रहा है। जिसके खिलाफ ग्रामवासियों के द्वारा 10 जून से जीएम ऑफिस गेवरा क्षेत्र का वादाखिलाफी घेराव कर गेट बंदी किया जायेगा। यदि प्रबंधन हमारे मांगो पर कोई निर्णय नहीं लेता है तो 11 जून से संपूर्ण गेवरा खदान बंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।
आज के आंदोलन के बीच प्रबंधन ने लिखित आश्वासन दिया है कि आगामी 15 जून को ग्राम में ही बैठक की जाएगी। जिसमे प्रबंधन और राजस्व अधिकारियों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता में समस्याओं के समाधान किया जाएगा जिसके बाद आज का आंदोलन को समाप्त किया गया।
