नागरिक जन सेवा समिति, कोरबा के अध्यक्ष मो. न्याज नूर आरबी ने सभी निजी विद्यालयों के लिए प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें न पढ़ाने कि गाइडलाइन त्वरित जारी करने के लिए कलेक्टर कोरबा को दिया पत्र

कोरबा। नागरिक जन सेवा समिति, कोरबा के अध्यक्ष मो. न्याज नूर आरबी ने पत्र में मांग करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के राजधानी जिला रायपुर में जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी की है। जसके अंतर्गत अब निजी स्कूल प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें नहीं पढ़ाएंगे. जारी गाइड लाइन के मुताबिक, रायपुर के निजी स्कूल के पास जिस बोर्ड की मान्यता है उसी बोर्ड की किताबें पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है।

बकौल आरबी ने कहा है कि स्टेट बोर्ड के लिए SCERT और सीबीएसई की किताबें अनिवार्य कर दी गई है, जबकि आईसीएसई बोर्ड के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य की गई है।

मो. न्याज ने कहा है कि आदेश के मुताबिक, अब सीबीएसई (CBSE) से मान्यता प्राप्त स्कूलों को केवल एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से ही पढ़ाई करानी होगी, जबकि छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों को पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा निर्धारित SCERT और सीबीएसई की किताबें पढ़ानी होंगी. बता दें कि 25 जून के आदेश में 8 बिन्दुओं के निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं इस आदेश का उल्लंघन करने यानी आदेश का पालान नहीं करने पर शिक्षा के अधिकार 2009 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जूते-मोजे, टाई-बेल्ट की बिक्री पर रोक
आदेश में ये भी कहा गया है कि निजी स्कूल यूनिफॉर्म से जुड़े किसी भी वस्तु जैसे जूते, मोजे, बैग, टाई, बेल्ट, नोटबुक आदि की बिक्री परिसर में नहीं कर सकेंगे और न ही किसी खास दुकान से खरीदने के लिए बाध्य किया जाएगा

युवा समाजसेवी व नेता ने कहा है कि दरअसल, 16 जून से विद्यालय का शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है और स्कूल के शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 15 दिन बाद यह आदेश जारी करने से सभी पालको को नए किताबों को खरीदने से वित्तीय भार भी पड़ेगा और गलत मनमानी ढंग से जो किताबें सभी विद्यालय प्रबंधन ने खरीदने के लिए दबाव बनवाकर खरीदवा कर वित्तीय भार पलकों पर डाला है उस पर पूर्णतः मार्मिकता से हजारों रुपयों कि पुस्तके व अन्य सामग्री को वापस करवाते हुए सभी पालको को खर्च कि गईं हजारों रुपयों कि राशि वापस कराते हुए जिला प्रशासन/जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से पूर्व के शासकीय आदेश का पालन न करने वाले सभी निजी विद्यालयों पर तुरंत FIR दर्ज कराते हुए कड़ी से कड़ी वैधानिक व शासकीय कार्यवाही करने हुए ऐसा आदेश जारी करने का कष्ट करें जो लाखों पलकों को राहत देते हुए हमेशा के लिए मील का पत्थर साबित हो।