बीजापुर। शनिवार को नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए माओवादी की पहचान पूरी कर ली गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मारा गया माओवादी माओवादियों की मिलिट्री कंपनी से जुड़ा हुआ स्नाइपर था, जिसकी पहचान सोढ़ी कन्ना के रूप में हुई है।
कन्ना जगरगुंडा थाना क्षेत्र के किस्टाराम गांव का निवासी था और सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था। उस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। मुठभेड़ स्थल से हथियार और अन्य माओवादी सामग्री भी बरामद की गई है।
सुरक्षा बलों के लिए यह बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि मारा गया माओवादी लंबे समय से क्षेत्र में हिंसक वारदातों में सक्रिय था और सुरक्षा बलों पर हमलों में शामिल रहा है। मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
बीजापुर में माओवादियों ने की पूर्व सरपंच विजय जव्वा की हत्या👇
इस बीच, बीजापुर जिले के मोदकपाल थाना क्षेत्र के चिन्नाकोडेपाल गांव में बीती रात माओवादियों ने एक और वारदात को अंजाम दिया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, माओवादियों ने गांव के पूर्व सरपंच और वर्तमान वार्ड पंच विजय जव्वा की धारदार हथियारों से निर्मम हत्या कर दी है।
हत्या के बाद माओवादियों ने उनका शव गांव के मुख्य रास्ते पर फेंक दिया, जिससे ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है।
हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। माना जा रहा है कि माओवादियों ने जनअदालत लगाकर यह हत्या की है।
कृष्णनाथ किंडो के बलिदान पर क्षेत्र हमेशा गर्व करेगा- रामकुमार👇
इस बीच सीतापुर का काराबेल चौक में सीएएफ के बलिदानी जवान कृष्णनाथ किंडो की प्रतिमा का अनावरण क्षेत्रीय विधायक रामकुमार टोप्पो एवं बलिदानी जवान के स्वजनों ने किया। इसके साथ ही अब काराबेल चौक बलिदानी कृष्णनाथ किंडो चौक के नाम से जाना जाएगा।
बता दें कि वर्ष 2017 में बस्तर के कोंडागांव जिले के मर्दापाल में हुई नक्सली मुठभेड़ के दौरान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में पदस्थ आरक्षक कृष्णनाथ किंडो वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस अवसर पर बलिदान जवान के स्वजन, पुलिस अधिकारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
(प्रतिमा अनावरण करते विधायक एवं बलिदानी जवान के स्वजन)
बलिदानी स्व़ कृष्णनाथ किंडो को सम्मान दिलाने के लिए उनके स्वजन वर्षों से प्रयासरत थे। आठ वर्षों बाद विधायक रामकुमार टोप्पो के प्रयासों से उन्हें सार्वजनिक सम्मान मिला। मूर्ति अनावरण कार्यक्रम के दौरान विधायक टोप्पो ने घोषणा की कि काराबेल चौक का नाम अब “शहीद कृष्णनाथ किंडो चौक”होगा।