CG :न्यायधानी की सड़कों की बदहाली ,निर्माण कार्यों में अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट हुआ सख्त ,जिम्मेदारों से पूछा है कि अफसर बताएं कि सड़कों की हालत कब सुधरेगी,शपथ पत्र के साथ मांगा जवाब …..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में सड़कों की बदहाली और निर्माण कार्यों में गड़बड़ी को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने जिम्मेदारों से पूछा है कि अफसर बताएं कि सड़कों की हालत कब सुधरेगी। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने शहर से लेकर गांवों तक बदतर सड़कों को लेकर जनहित याचिका पर लोक निर्माण विभाग के सचिव और नगर निगम कमिश्नर से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। दरअसल, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने अपोलो अस्पताल लिंगियाडीह मार्ग का खुद दौरा किया था,

जहां उन्होंने सड़क की चौड़ाई कम होने और अतिक्रमण के कारण मरीजों और परिजनों को हो रही परेशानियों को देखते हुए मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। इसके साथ ही जिले के तखतपुर और मस्तूरी क्षेत्र में जर्जर सड़कों के साथ ही निर्माण में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रकाशित खबरों को भी संज्ञान में लिया है। तखतपुर में 2 करोड़ की लागत से बनी सड़क पहली बारिश में ही धूल गई। जगह-जगह दरारें नजर आने लगी हैं। यहां पुल के पास‎ तीन इंच से अधिक दरारें हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और‎ ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार‎ का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस‎ सड़क के लिए घटिया सामग्री का‎ उपयोग किया गया है और निर्माण के‎ दौरान रोलिंग, डामरीकरण ठीक से‎ नहीं किया गया। सड़क की लंबाई को भी जानबूझकर‎ बढ़ा चढ़ाकर दर्शाया गया।

कठमुड़ा से जल्दा तक‎ की वास्तविक दूरी मात्र 1.5‎ किलोमीटर है, जबकि निर्माण 3‎ किलोमीटर का दिखाया गया है। बाकी‎ डेढ़ किलोमीटर की सड़क को जल्दा‎ से राम्हेपुर तक बनाया गया है, ताकि‎ ठेकेदार को लाभ पहुंचाया जा सके।‎ इसके अलावा मल्हार की मुख्य सड़क पर पानी भरा है। लोगों को आने- जाने में परेशानी हो रही है। वहीं, बिलासपुर शहर के अंदर की खराब सड़कों की हालत भी जर्जर हो गई है। हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने बसंत विहार चौक से अपोलो अस्पताल तक अतिक्रमण हटाते हुए सड़क चौड़ी करने का काम शुरू किया। पूर्व सुनवाई में नगर निगम आयुक्त ने कोर्ट को बताया था कि अपोलो चौक से मानसी होटल होते हुए रपटा तक की सड़क चौड़ीकरण के लिए 6 मई को वर्कऑर्डर जारी किया गया है। अब कोर्ट ने पूरे शहर की खराब सड़कों को लेकर सख्त रुख अपनाया और जिम्मेदार अफसरों से जवाब तलब किया है। डिवीजन बेंच ने टिप्पणी की कि शहर की प्रमुख सड़कें गड्ढों से भरी पड़ी हैं

और इसकी मरम्मत को लेकर कोई स्पष्ट समय सीमा सामने नहीं आई है। कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त और लोक निर्माण विभाग के ईई को कहा कि शपथ पत्र देकर बताएं कि सड़कों की हालत कब सुधर जाएगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई अब 23 जुलाई को होगी। हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले के तखतपुर और मल्हार की जर्जर सड़कों को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया है। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि तखतपुर वाली सड़क में दरारें सिर्फ 120 मीटर के पैच में हैं। उसे जल्द ठीक किया जाएगा। मल्हार की सड़कों को लेकर बताया कि सड़क पर भी काम की स्वीकृति मिल चुकी है और विभाग उचित कदम उठा रहा है। बिलासपुर की सड़कों को लेकर बताया गया कि ये सड़कें नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधीन हैं। निगम ने रखरखाव की कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मामले की सुनवाई 16 जुलाई को होगी। इससे पहले पीडब्ल्यूडी सचिव और नगर निगम आयुक्त को शपथपत्र के साथ जवाब देना होगा।