शराब के नशे में धुत्त शिक्षक पहुंचा स्कूल, बोले – ज्यादा से ज्यादा निलंबन होगा, इससे ज्यादा क्या कर लेंगे, आधा तनखा तो मिलेगी ही,घर पर बैठूंगा,अनुशासनहीनता पर विभाग सख्त ,सस्पेंड करने की तैयारी ….

धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक स्थित शासकीय प्राथमिक शाला करेली छोटी से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल में बैठा दिखाई दे रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने शिक्षा व्यवस्था और शिक्षक आचरण पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

वीडियो में दिखा शिक्षक का ढीठ रवैया


वायरल वीडियो में शिक्षक को साफ तौर पर नशे की हालत में स्कूल परिसर में बैठे हुए देखा जा सकता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि शिक्षक नशे में खुद ही यह कहता नजर आ रहा है, “शराब पीकर स्कूल आने से ज्यादा से ज्यादा निलंबन होगा, इससे ज्यादा क्या कर लेंगे। आधा तनखा तो मिलेगी ही… घर पर बैठूंगा।” यह बयान न केवल अनुशासनहीनता की हद पार करता है, बल्कि शिक्षा के मंदिर में बैठे एक शिक्षक की बेपरवाही और गैरजिम्मेदाराना सोच को भी उजागर करता है।

छात्रों पर असर, अभिभावकों में रोष👇

जहां स्कूलों में बच्चों को नैतिकता और अनुशासन की शिक्षा दी जाती है, वहीं इस तरह की घटनाएं शिक्षकों की छवि को धूमिल करती हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि ऐसे शिक्षकों से बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता।

प्रशासन ने लिया संज्ञान 👇

घटना सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने वीडियो का संज्ञान लिया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, शिक्षक के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और निलंबन की तैयारी की जा रही है।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जाएगी और दोषी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगा।

क्या निलंबन काफी है?👇

शिक्षक द्वारा नशे में स्कूल आना केवल सेवा नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सीधा खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ सुधारात्मक कदम उठाने की भी जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।

शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती, यह शिक्षक के आचरण और व्यवहार से भी जुड़ी होती है। धमतरी की यह घटना पूरे शिक्षा तंत्र के लिए एक चेतावनी है कि गुणवत्ता और ज़िम्मेदारी के साथ समझौता अब और नहीं किया जा सकता।