CG विधानसभा मानसून सत्र : जल जीवन मिशन की कार्य प्रगति ,भुगतान को लेकर सदन में हंगामा, पूर्व सीएम बघेल -डिप्टी सीएम साव भिंडें ,बोले बघेल -डबल इंजन की सरकार में भुगतान से लेकर कार्यों की प्रगति की धीमी पड़ गई रफ्तार ,31 लाख कनेक्शन से जलापूर्ति के दावे की धरातल पर करें पड़ताल ,जानें डिप्टी सीएम का पलटवार ….

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान जल जीवन मिशन के मुद्दे को लेकर सदन में हंगामें की स्थिति निर्मित हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा जल जीवन मिशन की धीमी कार्य प्रगति ,लंबित असमान भुगतान को लेकर प्रदेश व जिलेवार स्थिति को लेकर उठाए गए सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई )के विभागीय मंत्री अरुण साव से सदन में संतुष्टिजनक जानकारी नहीं मिलने पर विपक्षी कांग्रेसी विधायकों ने सदन में ही डबल इंजन की सरकार में जल जीवन मिशन फेल है ,जनता को पानी देना होगा सरीखे नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया।हालात बिगड़ते देख स्वयं विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रश्नकाल में जल जीवन मिशन के मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष को घेरने की पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे। जैसे ही उनकी बारी उन्होंने सदन में जल जीवन मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024 -25 तक स्वीकृत कार्यों को लेकर भुगतान एवं प्रगतिरत कार्यों की भौतिक स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल के परिप्रेक्ष्य में सदन में दी गई जवाब को लेकर डिप्टी सीएम विभागीय मंत्री अरुण साव पर दनादन सवाल दागे। पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वित्तीय वर्ष 2022 -23 ,2023 -24 की अपेक्षा भाजपा शासनकाल 2024 -25 में भुगतान की असमान एवं धीमी स्थिति को लेकर जिलेवार आंकड़ों के साथ सवाल उठाए। वे भुगतान राशि के आंकड़ों को सदन में ही पढ़कर सुनाने लगे। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024 -25 में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भुगतान के आंकड़े बीते 2 वर्षों की तुलना अत्यंत निराशाजनक कम हैं । उन्होंने सदन में पूछा कि 2024 -25 में रायपुर ,दुर्ग ,मुंगेली ,धमतरी ,राजनांदगांव कोरिया समेत जांजगीर चाम्पा जिले में प्रत्येक जिले को 100 करोड़ से भी कम भुगतान हुआ है। उन्होंने जांजगीर -चाम्पा जिले को 2024 -25 में महज 79 करोड़ के भुगतान होने पर हैरानी जताते हुए बताया कि बीते 2 वित्तीय वर्षों में इस जिले को क्रमशः 320 करोड़ एवं 338 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था,जबकि इस साल के भुगतान में बढोत्तरी होने के बजाय बहुत कम हैं।

सीएम के गृह जिले से लेकर इन जिलों में 50 फीसदी भी कनेक्शन नही हुए पूरे 👇

पूर्व सीएम श्री बघेल ने जल जीवन मिशन के नल कनेक्शन की धीमी प्रगति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने तय लक्ष्य 49 लाख 98 हजार 249 की पूर्ति में 31 लाख 16 हजार 398 कनेक्शन (घरों )में ही जलापूर्ति शुरू हो पाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने जिलेवार स्वीकृत नल जल कनेक्शन की पूर्ति में जलापूर्ति के धीमी आंकड़ों पर विभागीय मंत्री को घेरा। उन्होंने सदन में जिलेवार स्वीकृत पूर्ण नलजल कनेक्शन के आंकड़ों को रखते हुए बताया कि मुंगेली जिले में 1लाख 67 हजार नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 73 हजार ,कोरबा जिले में 2 लाख नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 46 हजार,रायगढ़ जिले में 2 लाख 42 हजार नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 1 लाख 43 हजार,सरगुजा जिले में 1 लाख 85 हजार की नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 51 हजार ,सूरजपुर जिले में
1 लाख 64 हजार की नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 30 हजार ,कोरिया जिले में 51 हजार की नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 10 हजार एवं मुख्यमंत्री के ही गृह जिले जशपुर में 2 लाख 14 हजार नल कनेक्शन की पूर्ति में महज 73 हजार कनेक्शन में जलापूर्ति शुरू होने के आंकड़ों पर सवाल उठाए। उन्होंने डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद स्वीकृत कार्यों की प्रगति में गति नहीं आने एवं लंबित राशि को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किए ।

मंत्री साव का पलटवार ,कहा -आपके सरकार के असहयोग के कारण योजना में हुई देरी ,कांग्रेस ने वाहवाही लूटने 15 लाख जल स्रोत विहीन कनेक्शन को पूर्ण बताया ,हम ट्यूबवेल कर पक्का कनेक्शन दे रहे 👇

पूर्व सीएम श्री बघेल के सवालों के जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री अरुण साव ने भी बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने सदन में बताया कि वित्तीय वर्ष 2022 -23 से लेकर 2024 -25 तक जल जीवन मिशन के स्वीकृत योजना की लागत का 15 हजार 45 करोड़ 57 प्रतिशत राशि मिली है। जिसका फर्मों को भुगतान किया गया है। जिसमें वर्षवार 2022 -23 में 4 हजार 203 करोड़ (16 %),वित्तीय वर्ष 2023 -24 में 5 हजार 374 करोड़ (20%) एवं 2024 -25 में 3 हजार 522 करोड़ (14 %) राशि केंद्र शासन से प्राप्त हुई है।जो फ़र्मों को कार्यों के विरुद्ध में व्यय किया गया है। 31 लाख 16 हजार 398 घरों में नल से पानी दे रहे हैं। 3 हजार 836 गांवों में पूरी तरह नल से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। राशि का भुगतान काम के प्रोग्रेस के मुताबिक किया जाता है इसलिए अलग-अलग जिलों में अलग-अलग स्थिति है। 49 लाख से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंचाना है। योजना 2024 में पूरा होना था जो विभिन्न कारणों से नहीं हो पाई।हमारी सरकार आने के बाद लगातार योजना की समयावधि बढ़ाई गई । हमारी सरकार आने के बाद से 10 लाख से अधिक कनेक्शन में जलापूर्ति शुरू की जा चुकी है।
12 हजार 307 नलकूप खोदकर जलापूर्ति का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान स्थिति में 19 हजार 656 गांव में से 3 हजार 836 गांवों में नल से जल उपलब्ध हो रहा है। 29 हजार योजनाओं में 5 हजार 17 योजनाओं में पूरी तरह पानी आ रहा। उन्होंने कहा कि यदि आपकी कांग्रेस सरकार ने समय पर कार्य शुरू कर दिया होता तो यह स्थिति नहीं होती। योजना 2 साल बाद योजना प्रारंभ हुई। 1 साल बाद 2023 में नलकूप खनन का आदेश दिया गया । इससे पूर्व योजना के केंद्रीय पोर्टल में प्रगति दिखाने 36 लाख कनेक्शन की क्रियाशील होने की फोटो अपलोड कर दी गई थी। जब हमारी सरकार ने जून 2024 में इसका सत्यापन कराया तो 21 लाख कनेक्शन में ही जलापूर्ति हो रही। 15 लाख कनेक्शन ऐसे मिले जिसमें सिर्फ कनेक्शन टेपनल लगे हैं लेकिन जल स्रोत का पता नहीं। 2 साल बाद इन कनेक्शन के ट्यूबवेल लगाया जा रहा। जहाँ स्रोत की उपलब्धता व अन्य कारणों से प्रगति जिलेवार असमान है।

बोले बघेल – डबल इंजन की सरकार में काम और भुगतान की रफ्तार पड़ी मंद ,
31लाख नलजल कनेक्शन से जलापूर्ति के दावे की धरातल पर पड़ताल की दरकार 👇

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उक्त विषय से हटकर जानकारी देने पर असंतुष्टि जताई।उन्होंने डिप्टी सीएम के उस दावे पर भी सवाल उठाए जिसमें उन्होंने 2 साल में 10 लाख कनेक्शन देने की बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में तो दोगुनी रफ्तार से काम होना चाहिए ,लेकिन यहाँ तो उल्टे काम की रफ्तार और भुगतान की गति पहले से मंद पड़ी है ,जो हैरान करने वाले हैं।
उन्होंने कुल 31लाख नलजल कनेक्शन से जलापूर्ति होने के दावे को धरातल पर परखने की बात कही। विपक्षी विधायकों ने भी इस मुद्दे पर एकजुटता से सत्ता पक्ष को घेरा व धरातल पर योजना से जलापूर्ति नहीं होने की बात कह जल जीवन मिशन फेल है ,जनता को पानी देना होगा सरीखे नारे लगाए। विपक्ष के विधायकों ने गलत जानकारी देने की बात कही और जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।

हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को करना पड़ा हस्तक्षेप 👇

पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई। भारी हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा. डॉ. रमन सिंह ने कहा, प्रश्नकाल को बाधित नहीं किया जाता। आसंदी की मर्यादा का ध्यान रखें। प्रश्नकाल में हंगामा करना उचित नहीं है। पूरा देश छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही को देखता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी अपनी बात रखने में सक्षम हैं ,और उन्हें उनके सवालों का जवाब लगभग मिल गया है। सदस्यों को आपस में देखकर बात नहीं करनी चाहिए। आसंदी की ओर देख कर बात करनी चाहिए। आसंदी की मर्यादाओं का पालन हम सभी को करना