26 पर्यटकों के जघन्य हत्या के बाद आतंकवादियों ने जश्न मनाने हवा में अंधाधुंध गोलियां चलाईं ,जानें चश्मदीद का बयान ,मिली खास सुरक्षा …

जम्मूकश्मीर । 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। अब इस हमले से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है। एक चश्मदीद गवाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ऐसे राज बताए हैं, जो हैरान करने वाले हैं।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि इस जघन्य कृत्य के तुरंत बाद आतंकवादियों को हवा में गोलियां चालकर जश्न मनाते हुए देखा गया था.

आतंकियों ने जश्न में की थी फायरिंग-चश्मदीद गवाह 👇

सूत्रों के मुताबिक, गवाह ने बताया कि हमले के तुरंत बाद तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने खुशी में हवा में चार राउंड फायरिंग की थी। चश्मदीद गवाह ने इस पूरी घटना को अपनी आंखों से देखा था।

गवाह को मिली खास सुरक्षा👇

यह गवाह हमले के बाद घटनास्थल के पास ही मौजूद था और उसका सामना आतंकियों से हो गया था। आतंकियों ने उसे रोककर कलमा पढ़ने को कहा। उसने स्थानीय कश्मीरी लहजे में कलमा पढ़ा, जिससे आतंकियों को शक नहीं हुआ और उन्होंने उसे छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने हवा में गोलियां चलाईं। NIA ने गवाह की जानकारी के आधार पर वहां से चार खाली कारतूस बरामद किए। इस गवाह को अब ‘Star Protected Witness’ का दर्जा देकर कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

2 स्थानीय मददगार गिरफ्तार👇

गवाह ने यह भी बताया कि उसने परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद नाम के दो स्थानीय लोगों को पहाड़ी इलाके में आतंकियों का सामान उठाते देखा था। बाद में आतंकी वही सामान लेकर आगे बढ़ गए। जांच में पता चला कि परवेज और बशीर को आतंकियों की मदद करने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

हमले की साजिश ऐसे रची गई👇

सूत्रों के अनुसार, 21 अप्रैल को दोपहर करीब 3:30 बजे तीन पाकिस्तानी आतंकी परवेज के घर पहुंचे थे। उन्होंने वहां चार घंटे तक इलाके की रेकी की। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, टूरिस्ट स्पॉट्स और रास्तों की जानकारी जुटाई। जाते समय परवेज की पत्नी से मसाले और चावल पैक करवाए और उसे 500-500 रुपये के पांच नोट दिए। इसके बाद आतंकी बशीर से मिले और 22 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे तक तैयार रहने को कहा।

सुलेमान शाह पर शक👇

NIA को शक है कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी सुलेमान शाह भी शामिल था। वही आतंकी पहले एक सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे 7 मजदूरों की हत्या में भी शामिल रहा है।

NIA की जांच जारी👇

अब NIA इस हमले में शामिल पूरे आतंकी नेटवर्क, स्थानीय सहयोगियों और पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के लिंक की जांच कर रही है। हालांकि, लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन की पुष्टि पहले ही हो चुकी है।

स्थानीय लोग संभाल रहे थे आतंकियों का सामान’👇

चश्मदीद के अनुसार, NIA ने दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है जो आतंकियों को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान कर रहे थे. हमले के दौरान दोनों स्थानीय बैसरन घाटी में मौजूद थे और कथित तौर पर हमले के वक्त आतंकियों का सामान संभाल रहे थे.

बताया जा रहा है कि आतंकियों में से एक लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर सुलेमान है जो कि जम्मू-कश्मीर में तीन अन्य आतंकी घटनाओं में वांछित है, जिनमें जेड- मोड़ सुरंग निर्माण एजेंसी पर हुआ हाई-प्रोफाइल हमला शामिल है.

बता दें कि 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाते हुए हमला किया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, मृतकों में ज्यादातर लोग पर्यटक थे. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की एक विंग, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी.

इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना और अटारी-वाघा सीमा को बंद करना शामिल था.