रायपुर। भारतमाला सड़क परियोजना के तहत अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे में करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
EOW अधिकारियों के मुताबिक रायपुर से विशाखापट्टनम तक प्रस्तावित भारतमाला हाईवे के लिए जिन गांवों की जमीन ली गई, उसमें गलत तरीके से ज्यादा मुआवजा दिलवाकर शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।
नेता, दलाल, पटवारी हुए गिरफ्तार👇
गिरफ्तार किए गए लोगों में जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड नहर पटवारी गोपाल राम वर्मा, वर्तमान नहर पटवारी नरेन्द्र कुमार नायक, पूर्व जनपद अध्यक्ष खेमराज कोसले, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कुंदन बघेल, दलाल पुनुराम देशलहरे और भोजराम साहू शामिल हैं।
गोपाल वर्मा और नरेन्द्र नायक को कोर्ट ने 23 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।बाकी चारों आरोपियों को 18 जुलाई तक EOW की रिमांड पर भेजा गया है। पूछताछ जारी है।दस्तावेजों में हेराफेरी कर कमीशन वसूली
EOW का कहना है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर गलत जमीन रिपोर्ट तैयार की। वहीं, अन्य आरोपियों ने फरार राजस्व कर्मियों के साथ मिलकर जमीन का गलत बंटवारा (बटांकन), मुआवजा निर्धारण और दस्तावेजों में हेराफेरी कर किसानों से मोटा कमीशन वसूला।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां👇
इस मामले में पहले ही चार आरोपी—उमा तिवारी, केदार तिवारी, विजय जैन और हरमीत खनूजा—गिरफ्तार हो चुके हैं। इस तरह अब तक कुल 10 लोग इस घोटाले में पकड़े जा चुके हैं।
बढ़ सकता है फर्जीवाड़े की रकम👇
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि सिर्फ पांच गांवों की जमीनों पर फर्जीवाड़ा कर शासन को 48 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
अधिकारियों के मुताबिक, और भी गांवों की रिपोर्ट आना बाकी है। इससे आर्थिक नुकसान की राशि और बढ़ सकती है।