कोरबा । छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक साथ दो बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शिक्षक और एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों में आरोपी अधिकारी सरकारी कार्य के बदले में आम नागरिकों से अवैध राशि की मांग कर रहे थे।अब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 (संशोधित 2018) के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
कोरबा में शिक्षक 2 लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया 👇

जिला कोरबा के बेलतला माध्यमिक शाला में पदस्थ विनोद कुमार सांडे, जो बेसिक फेडरेशन कोरबा के जिला अध्यक्ष भी हैं, को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
प्रार्थी रामायण पटेल ने शिकायत की थी कि उनकी पत्नी गरिमा चौहान, जो शिक्षक हैं, का स्थानांतरण दूरस्थ क्षेत्र में हो रहा है। आरोपी शिक्षक विनोद कुमार सांडे ने स्थानांतरण रुकवाने के नाम पर डीईओ बीईओ से अच्छे संबंध का दावा कर बीईओ कार्यालय अम्बिकापुर में संपर्क के बहाने 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।
रामायण पटेल रिश्वत देना नहीं चाहते थे, उन्होंने एसीबी में शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद 17 जुलाई को ट्रैप टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी पर धारा 7, पीसी एक्ट 1988 (संशोधित 2018) के तहत कार्रवाई की जा रही है।
स्थानांतरण रुकवाने के नाम पर मांगी रिश्वत 👇
मामले की शुरुआत कोरबा निवासी रामायण पटेल की शिकायत से हुई। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी गरिमा चौहान, जो कोसलडी स्कूल में शिक्षिका हैं, का स्थानांतरण दूरस्थ विद्यालय में किया जा रहा था।इसी दौरान विनोद कुमार सांडे ने दावा किया कि उनके डीईओ और बीईओ से अच्छे संबंध हैं, और वे स्थानांतरण आदेश को रुकवा सकते हैं — लेकिन इसके बदले 2 लाख रुपये रिश्वत मांगी।
शिकायत के बाद ACB ने रची जाल, रंगे हाथ पकड़ाया आरोपी👇
रामायण पटेल रिश्वत देने के बजाय सीधे ACB बिलासपुर कार्यालय पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की जांच के बाद ACB ने 17 जुलाई को ट्रैप की कार्रवाई करते हुए विनोद कुमार सांडे को रिश्वत लेते समय रंगे हाथ धर दबोचा।
जांजगीर में पटवारी ने मांगी थी 20 हजार की रिश्वत 👇
दूसरी कार्रवाई में जिला जांजगीर के टुटुआर गांव के पटवारी बालमुकुंद राठौर को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।
प्रार्थी सत्येन्द्र कुमार राठौर ने एसीबी को बताया था कि उसकी दो बहनों ने जमीन पर अपने अधिकार का त्याग कर दिया था, लेकिन पटवारी उनके नाम ऋण पुस्तिका से हटाने के एवज में रिश्वत मांग रहा था। एक महीने बीतने के बाद भी काम नहीं हुआ, और 20,000 रुपये की मांग की जा रही थी।
एसीबी ने 17 जुलाई को ट्रैप कर पटवारी को भी रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ लिया। आरोपी पर भी धारा 7, पीसी एक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
राज्य में भ्रष्टाचार पर सख्ती👇
दोनों मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति के तहत एसीबी लगातार सक्रिय है। लगातार हो रही गिरफ्तारियों से भ्रष्ट अधिकारियों में खलबली मच गई है।
ACB की कार्रवाई से शिक्षक समुदाय में हलचल👇
शिक्षक संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के इस तरह पकड़े जाने से शिक्षक समाज और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। ACB की टीम द्वारा आगे की पूछताछ जारी है और संभावित अन्य संलिप्त अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।ACB की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।