जनपद पंचायत करतला में DMF के स्वीकृत कार्यों के एवज में CEO पर 5% कमीशन वसूली के प्रकरण का हुआ पटाक्षेप ,मचा था बवाल ,अनुत्तरित रह गए कुछ सवाल !

कोरबा । जिले के जनपद पंचायत करतला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) पर
जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (DMFT ) के स्वीकृत कार्यों में सरपंच संघ द्वारा 5 प्रतिशत कमीशन के लगे आरोपों के वायरल हो रहे खबरों पर जनपद सीईओ एवं जनपद उपाध्यक्ष ने मौजूदा स्थिति स्पष्ट कर दी है। जहाँ जनपद उपाध्यक्ष ने इस मामले का पटाक्षेप होने की बात कही है वहीं जनपद सीईओ ने शिकायत निराधार होने की बात कह प्रकरण में किसी भी प्रकार के इनवाल्वेशन से इंकार किया है। हालांकि शिकायत के बाद त्वरित रूप से इस बड़े प्रकरण के पटाक्षेप होने की घटना ने भी महकमे को हैरान कर दिया है।

दरअसल 10 दिन पूर्व जनपद पंचायत करतला में विकास कार्यों की राशि जारी करने के एवज में 5% कमीशन मांगे जाने का सनसनीखेज आरोप लगा था।
आरोपों के घेरे में जनपद पंचायत करतला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) वैभव कौशिक आए थे, जिन पर सरपंचों ने आरोप लगाया था कि वे ग्राम पंचायतों से 5% राशि अग्रिम तौर पर जमा कराने की शर्त पर ही योजनाओं की प्रथम किश्त (चेक) जारी कर रहे हैं।


इस संबंध में जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा के नेतृत्व में 35 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और सरपंच संघ के प्रतिनिधियों ने जनपद कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि यह मांग जिला स्तरीय अधिकारियों के हवाले से की जा रही है और यह सरासर अवैध और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली है। जनपद अध्यक्ष का बयान भी वायरल हुआ था,जिसमें जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा ने आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा था कि “हमारे पास 35 सरपंचों का ज्ञापन आया है जिसमें DMF मद से स्वीकृत कार्यों, जैसे आंगनबाड़ी भवन निर्माण आदि की राशि जारी करने के लिए 5% कमीशन मांगा जा रहा है। अगर पहले 5% और कार्य के दौरान 10% और लिया गया, तो कुल 15% की उगाही होगी, जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता गिर जाएगी और एक साल में ही भवन बेकार हो जाएंगे।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यक हुआ, तो यह मामला उच्च स्तर तक ले जाया जाएगा।

हालांकि अब जो स्थिति सामने आ रही है वह भी हैरान करने वाली है।प्रकरण में पटाक्षेप हो जाने की जानकारी सामने आ रही है। जहाँ जनपद उपाध्यक्ष ने इस मामले का पटाक्षेप होने की बात कही है वहीं जनपद सीईओ ने शिकायत निराधार होने की बात कह प्रकरण में किसी भी प्रकार के इनवाल्वेशन से इंकार किया है। हालांकि शिकायत के बाद त्वरित रूप से इस बड़े प्रकरण के पटाक्षेप होने की घटना ने भी महकमे को हैरान कर दिया है।

दवाब में शिकायत या शिकायत के बाद दबाब !

इसे पूरे विवाद का भले ही पटाक्षेप होने की बात सामने आ रही है लेकिन कुछ सवालों के जवाब अनुत्तरित हैं। सरपंच संघ ने शिकायत किसी दबाव में की या फिर शिकायत के बाद मामले में पटाक्षेप करने कोई दबाव आया ,यह विषय अभी भी अनुत्तरित है।आखिर सरपंचों को स्वीकृत कार्यों के चेक जारी करने के एवज में 5 % अतिरिक्त कमीशन की मांग की शिकायत अपने सचिवों से ही मिली तो इसकी विश्वनीयता पर सवाल कैसे उठाए जा सकते हैं। क्या जनपद सीईओ को बदनाम करने की नीयत से शाखा लिपिक या फिर कोई और अवैध उगाही में लिप्त है? कार्यालय परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के लिपिक को संलग्नीकरण समाप्त होने के बावजूद जनपद पंचायत करतला में संलग्न रखे जाने के पीछे किसका दबाव व प्रभाव है ?क्या जिला प्रशासन के जांच के पूर्व प्रकरण के पटाक्षेप होने के दावों से वास्तव में मसले का शांतिपूर्ण पारदर्शितापूर्ण निबटारा संभव है ?

वर्जन

सरपंचों को मिली होगी अपुष्ट भ्रामक जानकारी ,प्रकरण हो चुका है पटाक्षेप

प्रकरण सप्ताह भर पहले का है जिसका पटाक्षेप हो चुका है। दरअसल सरपंचों को
सचिवों के द्वारा कुछ अपुष्ट जानकारी दी गई होगी ,जिसको लेकर उनके द्वारा हमारे समक्ष शिकायत रखी गई थी। वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। प्रकरण क्लोज हो चुका है।

मनोज झा,उपाध्यक्ष ,जनपद पंचायत करतला ,जिला -कोरबा (छग)

वर्जन

जो भी खबर है गलत है ,मेरा या जनपद का कोई इनवाल्वेशन नहीं

प्रकरण में मैं बहुत बार पत्रकारों को एक्सप्लेनेशन दे चुका हूं,जो भी खबर है गलत है , उसमें मेरा व जनपद का कोई इंवाल्वेशन नहीं है । मुझे नहीं पता कि खबर कहाँ से चला है ,क्या सचिवों की बदमाशी है या क्या है पता चलेगा तब समझ में आएगा। इसमें कोई कुछ बोला है क्या। मुझे आए ही अभी 3 माह हुआ है। एक हफ्ते पहले का ये प्रकरण है , आंगनबाड़ी के बारे में था ,आप चेक कर सकते हैं ,जितने भी कार्य स्वीकृत हुए थे चेक जारी हो चुके हैं।

वैभव कौशिक ,सीईओ जनपद पंचायत करतला ,जिला -कोरबा (छग)