बिलासपुर । NH : बिलासपुर में नेशनल हाईवे (NH) पर लग्जरी कारों से किए गए जाम को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में बिलासपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और राज्य सरकार से भी शपथपत्र सहित जवाब तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश ने तल्ख लहजे में पूछा- “NH पर लग्जरी गाड़ियाँ अवैध रूप से खड़ी कर सड़क जाम किया गया, फिर भी उन्हें जब्त क्यों नहीं किया गया? पुलिस मूकदर्शक क्यों बनी रही?”
क्या है मामला?👇
हाल ही में बिलासपुर में एक सामाजिक-राजनीतिक आयोजन के दौरान दर्जनों लग्जरी गाड़ियाँ (Mercedes, BMW, Audi आदि) एनएच पर अवैध रूप से खड़ी कर दी गईं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। आम लोगों, एंबुलेंस और स्कूली वाहनों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए।
मुख्य न्यायाधीश ने जताई नाराज़गी👇
मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट कहा कि, “आम जनता के लिए बनाए गए राष्ट्रीय राजमार्ग को वीआईपी आयोजनों और निजी शो-ऑफ के लिए बाधित नहीं किया जा सकता। यह कानून व्यवस्था और जनहित का सीधा उल्लंघन है।”
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
सरकार से पूछा– अब तक क्या कार्रवाई हुई?👇
कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह बताएं, घटना के संबंध में अब तक क्या कार्रवाई की गई? वाहनों के मालिकों की पहचान की गई या नहीं? FIR दर्ज हुई या नहीं? आगे क्या कदम उठाए जा रहे हैं? सरकार को इस संबंध में शपथपत्र के साथ जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
अगली सुनवाई की तारीख तय👇
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित करते हुए कहा कि तब तक राज्य सरकार और पुलिस को विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया👇
इस घटना और हाईकोर्ट की टिप्पणी को लेकर आम नागरिकों और सामाजिक संगठनों में गंभीर रोष है। लोगों का कहना है कि जब कानून का डर खत्म हो जाता है, तभी इस तरह की घटनाएं होती हैं।