कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में अपने रोजगार की मांग पर विगत दिवस महिलाओं द्वारा मजबूर होकर किये गए अर्धनग्न प्रदर्शन तथा लंबे समय से चलाये जा आंदोलन में उठाई जा रही मांगो के समर्थन में ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर भूविस्थापितों को न्याय दिलाने हेतु उचित कार्यवाही किया जाए ।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने केंद्र व राज्य महिला आयोग से पूरे मामले को अपने संज्ञान में लेकर कार्यवाही की मांग किया है उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एस ई सी एल कुसमुंडा क्षेत्र में अपने रोजगार की मांग पर महिलाओं द्वारा मजबूर होकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया गया इससे पूर्व खनन क्षेत्र में आन्दोलन करने के कारण उन्हें जेल भेजा गया था महिलाओं के प्रति संवेदनशील सरकार के द्वारा उठाये जा रहे सार्थक कदम के बावजूद ऐसी स्थिति निर्मित हो जाना काफी गंभीर विषय है और चिंतनीय है । उन्होंने आगे कहा है कि कोरबा जिले में औद्योगीकरण 60 के दशक से शुरू हो गया था और अब बड़े पैमाने पर कोयला खनन, पॉवर प्लांट से होने वाले बिजली उत्पादन और आपूर्ति के चलते इस क्षेत्र के खनिज संसाधनों का दोहन, परियोजनाओं का विस्तार और खनिज परिवहन (नई रेल लाइन) भी राष्ट्रिय हित में लगातार हो रहा है इन परियोजनाओं के चलते बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया हुई और स्थानीय समुदाय को अपने निवास गाँव, कृषि भूमि और वन भूमि जिस पर इनके पारंपरिक निस्तार और अधिकार निहित थे उससे विस्थापित होना पड़ा किन्तु आज तक भी भू-विस्थापितों को पूर्ण एवं विधिवत पुनर्व्यवस्थापन नहीं मिल पाया जो उनका अधिकार है ।
भूविस्थापित नेता ने बताया है कि एस ई सी एल कुसमुंडा क्षेत्र में वर्ष 1983 में कोयला उत्खनन, उत्पादन के लिए जटराज, जरहाजेल, दुरपा, खम्हरिया, बरपाली, गेवरा, बरमपुर, पाली, मनगांव आदि गाँवों का अर्जन किया गया था। अर्जन के लिए तत्कालीन जिला प्रशासन द्वारा पारित अवार्ड में 20 वर्ष एवं 60 वर्ष में उत्खनन कार्य पूर्ण कर अर्जित जमीन को मूल किसानो को वापस करने का शर्त के साथ आदेश दिया गया था तथा किसानो की बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराना था जो कि एस ई सी एल कुसमुंडा क्षेत्र ने पूरा नहीं किया है एस ई सी एल कुसमुंडा क्षेत्र में जमीन अर्जन के एवज में किसानो के परिवार के एक सदस्य को रोजगार भी देना था किन्तु यहाँ पर बड़ी धांधली हुयी और राजस्व एवं एस ई सी एल कुसमुंडा क्षेत्र में पदस्थ अधिकारीयों के मिलीभगत से उनके परिवार के सदस्यों के बजाय कूटरचना कर किसी अन्य व्यक्तियों को रोजगार दे दिया गया जिसके कारण उक्त परिवार के सदस्य आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए है, अपने रोजगार की मांग को लेकर लम्बे समय से आवेदन करते करते थक जाने के बाद आन्दोलन करने को मजबूर हो गए हैं अब महिलायें इतना विवश हो गए हैं कि उन्होंने अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन कर अपनी आवाज उठाना पड़ा है ।
उन्होंने महिला आयोग से इस सबंध में ध्यानाकर्षण कराते हुये मांग किया है कि प्रताड़ित हो रहे किसानो, भूविस्थापितों और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्यवाही किया जाये ।