रायपुर। कांग्रेस सरकार की तर्ज पर भाजपा सरकार में भी जिला खनिज न्यास (DMF) में मनमानी जारी है। रसूखदार नेता अपनी मर्जी से DMF, CSR और अन्य मद की राशि का इस्तेमाल कर रहे हैं। रायगढ़ जिले में इसे लेकर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा यानी भाजपा की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनके निशाने पर प्रदेश के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी और रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में व्यय की जा रही भारी भरकम राशि है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नियम, कायदे कानूनों को तक पर रखकर DMF, CSR और अन्य मद की राशि का व्यय किया जा रहा है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने वनवासी क्षेत्रों की उपेक्षा का खुला आरोप लगाया है। इससे भी आगे जाकर उन्होंने वनवासी क्षेत्रों में ग्रामसभा का प्रस्ताव पारित कर कलेक्टर को देने की अपील की है और कलेक्टर के लिए खनन प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्य करना बाध्यकारी बताया है।

युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अपने एक पोस्ट में की है – “सरकार का पैसा भी रायगढ़ विधानसभा में ही और dmf, csr का पैसा भी रायगढ़ विधानसभा में ही खर्च हो और
धर्मजयगढ़, लैलूंगा, विधानसभा के लोग सिर्फ रोड एक्सिडेंट में बे मौत मरें, धूल खाएं, जमीन देकर बेघर हो, बस रायगढ़ का विकास होना चाहिए,,
गजब का एकतरफा विकास है। Dmf, csr के नियम जाए चूल्हे में।

एक अन्य पोस्ट में रवि भगत लिखते हैं – “Dmf, जनजाति बहुल गांव के विकास के लिए है जो खनिज सम्पदा सम्पन्न होने के कारण विकास के नाम पर उजड़ रहा है। प्रभावित गांव के विकास के लिए dmf की नीति केंद्र सरकार ने बनाया है जिसका पूर्ण पालन करना जिला प्रशासन का काम है। रायगढ़ जिले में पिछले दो साल से dmf समिति बनी नहीं है। बिना समिति के अनुशंसा से कैसे राशि स्वीकृत हो रही है और हो भी रही है तो प्रभावित क्षेत्र को जो देने का नियम है उसका पालन हो।

रवि भगत एक अन्य पोस्ट में लिखते हैं – “Dmf, csr, और जनजाति (आदिवासी) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जहां जनजाति समाज रहता है वहीं खदान उद्योग लगते हैं जिसकी कीमत वहां के गांव वालों को चुकानी पड़ती है जिसमें अधिकतर जनजाति समाज के लोग रहते हैं। क्योंकि खदान उद्योगों से प्राप्त होने वाले राजस्व का एक हिस्सा उद्योग से प्रभावित क्षेत्र के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च हो इसी उद्देश्य dmf csr की योजना बनी है। ऐसे में इस राशि का उपयोग प्रभावित क्षेत्र के अलावा कहीं और किया जाएगा। तो ये जनजाति समाज के साथ अन्याय है। और इसी अन्याय के विरुद्ध मैं हूं। उद्योग खदान प्रभावित क्षेत्र के जनजाति (आदिवासी) सरपंच आप सभी से आग्रह की आपके क्षेत्र के जरूरत के अनुसार आप ग्रामसभा में प्रस्ताव करके जिला कलेक्टर से dmf की राशि से आपके ग्राम सभा के प्रस्ताव की योजना का मांग करें। कलेक्टर बाध्य है आपकी मांग को मानने के लिए।,,, एक बार ग्राम सभा का प्रस्ताव लेकर जाओ तो सही,,,!”
आपको बता दें कि पार्टी का युवा चेहरा और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाया है। रवि भगत ने DMF और CSR फंड को लेकर सरकार पर सीधे सवाल उठाए हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से वित्त मंत्री ओपी चौधरी को आड़े हाथों लेते हुए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लगातार छह तीखे पोस्ट कर दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने एक व्यंग्यात्मक गीत गाकर वीडियो भी सोशल मीडिया में साझा किया, जिसमें “नीति कुछ भी बने, ताकतवर अपनी चलाएगा” जैसे जुमलों के जरिए सरकार के भीतर वर्ग विशेष को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया।
पोस्ट की पंक्तियां पढ़ें –👇
“समुद्र के हकदार बूंद-बूंद से संतुष्ट हैं…”
“DMF पर नीति की बातें मत कीजिए साहब, न्याय दीजिए…”
इन पंक्तियों ने भाजपाई गलियारों में खलबली मचा दी है। भाजपा और भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर ही रवि भगत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कई नेताओं ने पोस्ट पर नाराजगी जताई और कमेंट बॉक्स में ही विरोध दर्ज किया।
बताया जा रहा है कि तमनार और घरघोड़ा जैसे आदिवासी इलाकों को फंड आवंटन में प्राथमिकता नहीं मिलने का आरोप। रवि भगत ने पहले वित्त मंत्री ओपी चौधरी को पत्र लिखा, जवाब नहीं मिला तो सोशल मीडिया पर सीधा हमला बोला।
