ट्रंप के ‘ डेड इकोनॉमी ‘ तंज पर पीएम मोदी का पलटवार ,बोले तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में ‘स्वदेशी ‘ सबसे बड़ा हथियार …..

वाराणसी । हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर तंज कसते हुए उसे ‘डेड इकोनॉमी’ कहा था. इस बयान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से एक दमदार जवाब दिया है.

उन्होंने साफ कर दिया है कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस लक्ष्य को पाने के लिए देश के हर नागरिक को एक साथ आना होगा.

एक ही मंत्र: जो भारत में बना, वही खरीदेंगे👇

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से ‘स्वदेशी’ अपनाने का एक मजबूत संकल्प लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम किसी भी चीज को खरीदने से पहले सिर्फ एक ही तराजू पर तौलें – क्या वो चीज भारत में बनी है. क्या उसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना लगा है.

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि अब हर भारतीय, हर दुकानदार और हर ग्राहक को यह मंत्र अपनाना होगा. हम वही चीजें खरीदेंगे जो भारत में बनी हों, जिन्हें भारतीय हाथों ने बनाया हो. यही असली ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ है.

यह सिर्फ सरकार की नहीं, हर भारतीय की जिम्मेदारी👇

प्रधानमंत्री ने साफ किया कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना सिर्फ सरकार का काम नहीं है. यह 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक जिम्मेदारी है. आज जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल है, तो भारत को अपने हितों, अपने किसानों, अपने छोटे उद्योगों और अपने युवाओं के रोजगार के बारे में सोचना ही होगा.

उन्होंने हर नागरिक से ‘स्वदेशी का प्रचारक’ बनने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “यह बात सिर्फ मोदी को नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के हर उस व्यक्ति को बोलनी होगी जो देश का भला चाहता है. हमें बिना किसी संकोच के स्वदेशी अपनाने की बात करनी होगी.”

दुकानदारों से अपील: सिर्फ स्वदेशी बेचें, यही सच्ची देशसेवा👇

प्रधानमंत्री ने देश के व्यापारी और उद्योग जगत से भी एक खास अपील की. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारी दुकानों पर सिर्फ और सिर्फ स्वदेशी सामान ही बिके. उन्होंने इसे देश की सच्ची सेवा बताया. पीएम ने कहा कि जब भी घर में कोई नया सामान आए, तो हमारी कोशिश होनी चाहिए कि वो भारत में ही बना हो.

यह संदेश ऐसे समय में आया है जब पूरी दुनिया व्यापारिक तनाव, युद्ध और आर्थिक दबावों से गुजर रही है. ऐसे में पीएम मोदी का ‘स्वदेशी’ पर जोर देना भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक मंच पर एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.