कोरबा। कोरबा जिले में पदस्थ रहे और शिक्षा में नवाचार लाने का अभिनव प्रयोग करने वाले पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद उनका देहावसान हो गया। सतीश पांडेय के निधन की खबर से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

मूलतः रायगढ़ जिले के ग्राम पंडरीपानी निवासी सतीश कुमार पांडेय ने कोरबा जिले में काफी लंबा समय जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में व्यतीत करते हुए अपनी कुशल सेवाएं दी। उनके मार्गदर्शन में जिले की शिक्षा प्रणाली ने नए आयाम को स्थापित किया। श्री पांडेय ने शिक्षा मड़ई, हर विद्यालय का एक लक्ष्य, विद्यालय की ग्रेडिंग,प्रतिदिन 6 पेज का बच्चों को गृह कार्य एवं अन्य नवाचार के माध्यम से वे शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहे। उनकी डीईओ बतौर अंतिम पदस्थापना मुंगेली जिले में रही। धर्मपत्नी का निधन हो जाने के उपरांत उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्राप्त कर ली थी। वह काफी समय से स्वास्थ्यगत समस्या से जूझ रहे थे। उन्हें गहन उपचार के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर बड़े अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन का समाचार मिलते ही परिजनों सहित शिक्षा जगत व प्रशासनिक महकमे व सहकर्मियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। वे तहसीलदार तपिश पांडेय के बड़े भाई थे। उनकी पार्थिव देह बेंगलुरु से रायगढ़ लाई जा रही है।
0 शिक्षा जगत की अपूर्णीय क्षति
कोरबा में पदस्थ रहते हुए शिक्षकों के लिए पहली बार जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का उन्होंने आयोजन कराया। इनकी पहल से ही शिक्षकों ने अपने सेवाकाल में पहली बार शिक्षा विभाग से संबंधित नियमों के संबंध में डाइट में ट्रेनिंग प्राप्त की। कार्यालय संयुक्त संचालक, सरगुजा में कार्यरत रहे उप संचालक सतीश पांडेय के निधन से शिक्षा जगत को निःसन्देह अपूरणीय क्षति हुई है। प्रदेश के वरिष्ठ उपसंचालक, विभिन्न जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी का दायित्व निर्वाह करने वाले श्री पांडेय जब कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी रहे,तब उनके कार्यकाल के दौरान 1 नम्वबर 2020 को शिक्षकों को संविलियन मिला। उनके कार्यों और प्रयासों को स्मरण कर शिक्षकगण भरे मन से अपनी शोकंजली अर्पित कर रहे हैं।