नारायणपुर। जिले से आश्रम की छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दरअसल, ओरछा विकासखंड स्थित एक आश्रम की छात्रा के साथ युवक ने दुष्कर्म किया है। यह घटना तब सामने आई जब छात्रा ग्रीष्म अवकाश के बाद जून 2025 के अंतिम सप्ताह में अपने आश्रम लौटी। आश्रम प्रबंधन ने छात्रा के असामान्य व्यवहार को देखते हुए तत्काल पूछताछ की, जिसके बाद चिकित्सकीय परीक्षण में उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने जानकारी अनुसार मामले की गंभीरता को समझते हुए, आश्रम प्रबंधन ने तुरंत संबंधित कार्यालय को सूचित किया। जिसके बाद जांच समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा की गई पूछताछ में छात्रा ने बताया कि उसके गृहग्राम में एक परिचित युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
तत्पश्चात, पीड़िता और उसके परिजनों की सहमति के आधार पर, पुलिस थाने में पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज की गई। पुलिस इस संवेदनशील मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही कर रही है।
बीजापुर के आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ने वाली 12वीं की छात्रा गत माह हुई थी प्रेग्नेंट👇

बीजापुर जिले में आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ने वाली 12वीं की छात्रा प्रेग्नेंट हो गई है। वह 3 महीने की छुट्टी के बाद हॉस्टल लौटी थी। छात्रा को पेट में दर्द और चक्कर आने की शिकायत के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराया गया। जांच में पता चला कि वह साढ़े 3 महीने के गर्भ से है।
मामला भोपालपटनम थाना क्षेत्र का था । छात्रा को जिला अस्पताल बीजापुर रेफर किया गया था। जानकारी के मुताबिक छात्रा की मां ने इलाज नहीं कराने की जिद करके छात्रा को अपने साथ ले गई थी। म तत्कालीन समय मे थाने में शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। मामले में कांग्रेस ने सरकार पर आश्रम छात्रावासों में बच्चियों की सुरक्षा में विफलता का गम्भीर आरोप लगाया था। साथ ही घटना के लिए टीम बनाकर जांच की बात कही थी। बीजापुर के मामले में अभी जांच और कार्रवाई पूरी हुई नहीं थी कि बस्तर संभाग के ही नारायणपुर जिले से उसी तरह के एक और मामला आने से आदिवासी विकास विभाग समेत सरकार निरुत्तर हो गई है।
कांग्रेस ने कहा था -,छात्रा के साथ हुए गंभीर मामले को प्रशासन दबाने का कर रहा प्रयास👇

भोपालपटनम कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा की नाबालिग आदिवासी छात्रा के गर्भवती पाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।सप्ताह भर पूर्व शनिवार को भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी के नेतृत्व में कांग्रेस की 9 सदस्यीय जांच समिति ने छात्रावास का दौरा कर छात्राओं, अधीक्षक, शिक्षकों, प्राचार्य एवं चिकित्सकों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली।
जांच के बाद बीजापुर में आयोजित प्रेस वार्ता में विधायक सावित्री मंडावी ने कहा कि छात्रा के साथ हुए गंभीर मामले को प्रशासन दबाने का प्रयास कर रहा है। अधीक्षक और अधिकारियों ने छात्रा की गर्भावस्था को छिपाया, परिजनों पर दबाव बनाया और छात्रा को जबरन घर भेजने की कोशिश की गई। मामले को दबाने की कोशिशें अब भी जारी हैं और किसी भी अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच समिति को पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया गया।
विधायक मंडावी ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में आदिवासी, किसान, महिला और युवा सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि बीजापुर जैसे आदिवासी बहुल जिले में माता-पिता अपने बच्चों को स्कूलों और छात्रावासों में प्रशासन के भरोसे भेजते हैं, लेकिन ऐसी शर्मनाक घटनाएं अस्वीकार्य हैं।बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी जनसहयोग से बड़ा आंदोलन करेगी।
9 सदस्यीय जांच समिति में यह रहे शामिल
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने विधायक सावित्री मंडावी के संयोजन में इस नौ सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। इसमें दंतेवाड़ा की पूर्व विधायक देवती कर्मा, प्रदेश महामंत्री नीना रावतिया, सरिता चापा, गीता कमल, निर्मला मरपल्ली, रिंकी कोरम, पार्वती कश्यप और अनिता तेलम जैसे सदस्य शामिल थे।
जांच समिति में शामिल सदस्यों ने कहा कि यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि छात्रावासों में रह रही बच्चियों की सुरक्षा पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष लालू राठौर, दंतेवाड़ा जिला पंचायत सदस्य सुलोचना कर्मा सहित महिला कांग्रेस और अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।