PM Modi ने जिन 184 फ्लैट का किया उद्घाटन वहां कौन से सांसद रहेंगे, सांसदों को कैसे मिलते हैं बंगले,जानें नियम….

दिल्ली। पीएम मोदी ने आज (सोमवार) नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए नवनिर्मित टाइप-VII के 184 मल्टीस्टोरी फ्लैट का उद्घाटन किया है. यह परिसर सांसदों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

हर फ्लैट में 5000 स्क्वायर फीट का क्षेत्रफल है, जिसमें कार्यालय और स्टाफ के लिए भी जगह है. इमारतें भूकंपरोधी होने के साथ-साथ दिव्यांगों के लिए भी अनुकूलित हैं. आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस परिसर को डिजाइन किया गया है और इसमें सांसद सदस्यों की कार्यात्मक जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है.

चलिए जानें कि सांसदों को बंगले कैसे मिलते हैं और पीएम मोदी ने जिन फ्लैट का उद्घाटन किया है, आखिर वहां पर कौन से सांसद रहेंगे.

इन फ्लैट्स में कौन से सांसद रहेंगे👇

पीएम ने जिन चार टावर्स का इस्तेमाल किया है, उनके नाम हैं कृष्णा, गोदावरी, हुगली और कोसी. चारों नाम देश की महान नदियों पर रखे गए हैं. ये नदियां करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं. इन फ्लैट्स में देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के 180 से ज्यादा सांसद एक साथ रहेंगे. ये फ्लैट्स आकार में टाइप- VIII बंगले से भी बड़े होते हैं, जो कि सरकारी आवास के लिए बेस्ट कैटेगिरी मानी जाती है. इस परिसर में सामुदायिक केंद्र भी है, जिसमें सांसदों की सामाजिक और आधिकारिक बैठकों का केंद्र होगा.

सांसदों को कैसे मिलते हैं बंगले👇

केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को दिल्ली के लुटियंस जोन में आवास आवंटित किए जाते हैं. इसके लिए जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट के नियमों और शर्तों का पालन किया जाता है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की मानें तो साल 1922 में एक विभाग बनाया गया था, जिसका नाम है डायरेक्टरेट ऑफ स्टेटस. देशभर में केंद्र सरकार की संपत्तियों की देखभाल यही विभाग करता है. मंत्री और सांसदों के बंगलों व फ्लैट की देखभाल करने, आवंटन और खाली कराने का जिम्मा भी इन्हीं के पास होता है.

इसी तरह से सांसदों को आवास आवंटित करने में इस विभाग के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा की आवासीय समिति की बड़ी भूमिका होती है. जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट के तहत आवास का आवंटन किया जाता है.

वरिष्ठ सांसदों को कैसे मिलते हैं बंगले👇

सांसदों को वरिष्ठता और कैटेगरी के आधार पर आवास का आवंटन किया जाता है. सबसे छोटे टाइप-I से लेकर टाइप-IV तक के आवास केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों को दिए जाते हैं. इसके बाद टाइप-VI से टाइप-VIII तक के बंगले और आवास केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सांसदों को आवंटित किए जाते हैं. जो सांसद पहली बार चुने जाते हैं उनको टाइप-V बंगला मिलता है. वहीं अगर कोई सांसद एक से ज्यादा बार चुनकर आता है तो इसे टाइप-VI और टाइप-VII वाला बंगला दिया जाता है.

वहीं टाइप-VIII वाला बंगला सुप्रीम कोर्ट के जज, कैबिनेट मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त आयोग के अध्यक्ष को भी आवंटित किया जाता है.