KORBA : एसईसीएल दीपका परियोजना की तानाशाही से विस्थापित ग्राम सुआभोंडी में बवाल ! लंबित भुगतान रोजगार के विवाद के बावजूद मकान तोड़ने पहुंचे SECL के अधिकारियों से भिंडे ग्रामीण ,की जमकर खातिरदारी …..

कोरबा। एसईसीएल दीपका प्रबंधन की मनमानी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भू-अर्जन के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं करने वाले प्रबंधन के खिलाफ विस्थापितों का गुस्सा फूट पड़ा। मामला ग्राम सुआभोड़ी का है, जहां बीते दिनों मकान खाली कराने पहुंचे एल एंड आर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ग्रामीणों से भिड़ गए।

सूत्रों के मुताबिक, करीब दो दिन पहले एसईसीएल के एल एंड आर डिपार्टमेंट का दो अधिकारी अपने दो कर्मचारियों और मातहत स्टाफ के साथ गांव पहुंचा था। आरोप है कि वे “बड़े अधिकारियों” के आदेश का पालन करते हुए जबरन मकान तोड़ने की तैयारी में थे। इस दौरान ग्रामीणों ने विरोध किया और देखते ही देखते मामला मारपीट तक पहुंच गया। ग्रामीणों ने कथित तौर पर अधिकारियों की जमकर “खातिरदारी” की। हालांकि, विभाग के ही एक क्षेत्रीय कर्मचारी के बीच बचाव के बाद मामला शांत हो गया।
गौरतलब है कि सुआभोड़ी में अब भी करीब 40 मकान शेष हैं। यहां भुगतान और रोजगार को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। विस्थापितों का कहना है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, वे अपने घर खाली नहीं करेंगे। बावजूद इसके एसईसीएल प्रबंधन जबरन कार्रवाई करने की कोशिश कर रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
ग्रामीणों का साफ कहना है कि कंपनी पहले नौकरी और मुआवजे का वादा पूरा करे, तभी वे मकान छोड़ेंगे। अन्यथा जबरन तोड़फोड़ का हर प्रयास इसी तरह भीषण विरोध का सामना करेगा।