उज्जैन। माधवनगर पुलिस को नकली नोटों के अवैध कारोबार पर बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के कब्जे से ₹4.97 लाख के नकली नोट, नोट छापने के उपकरण और सामग्री बरामद की गई है। इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड सुनील पाटिल है, जो पहले से ही जेल में निरुद्ध है। पुलिस का कहना है कि सुनील पाटिल ने ही जेल से नेटवर्क चलाते हुए गिरोह को नकली नोट तैयार करने की ट्रेनिंग और तकनीक दी थी।
इनकी हुई गिरफ्तारी, जानें आरोप👇

एसपी प्रदीप शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, दुर्गेश डाबी, शुभम कड़ोदिया, शेखर यादव, प्रहलाद, और कमलेश लोधी के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे नकली नोट छापकर उन्हें स्थानीय बाजारों और दुकानों में चलाते थे। गिरोह ने नोट छापने के लिए एक गोडाउन किराए पर ले रखा था, जिसे उन्होंने प्रिंटिंग यूनिट के रूप में इस्तेमाल किया।
बरामद सामग्री👇
₹4,97,000 मूल्य के जाली नोट
एक सीपीयू
कलर प्रिंटर
कैची, बटर पेपर,
अन्य प्रिंटिंग और कटिंग सामग्री
जांच टीम और कार्रवाई👇
इस कार्रवाई को निरीक्षक राकेश भारती के नेतृत्व में माधवनगर पुलिस टीम ने अंजाम दिया। गिरफ्तार आरोपियों में से तीन पहले से सजायाफ्ता हैं और नकली नोट एवं एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा भुगत चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय से पुलिस रिमांड (पीआर) पर लेकर आगे की पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही गिरोह से जुड़े अन्य साथियों की तलाश भी जारी है।
आगे की जांच और शहर में असर
एसपी शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई शहर में नकली नोटों (Fake Notes) के कारोबार पर बड़ा अंकुश साबित हो सकती है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से नकली नोटों का लोकल नेटवर्क टूटेगा और अन्य अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी।