कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा के
आकांक्षी ब्लॉक पोंडी उपरोड़ा में सरकारी जमीन को भू माफियाओं की नजर लग गई है। जो जमीन सरकारी है वो जमीन हमारी है कि तर्ज पर राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कर जमीन बंधक बनाए जाने का मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है। जहां एसडीएम के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने इस गंभीर मामला में एसडीएम को संबंधितों के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर )दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उक्त आदेश से खलबली मची है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम लालपुर, पटवारी हल्का नंबर 20, राजस्व निरीक्षक मंडल कोरबी, तहसील पोड़ी-उपरोड़ा स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर 89/1 से विभाजित खसरा नंबर 89/82, 89/83, 89/84 और 89/85 कुल रकबा 9.034 हेक्टेयर भूमि पर बटांकन हुआ है। उक्त भूमि शिवचरन पिता ईतवारी (जाति महरा, अनुसूचित जाति) के नाम पर दर्ज पाई गई है। जांच में सामने आया कि यह भूमि 30 सितम्बर 2024 को अक्षय बैंक दुर्ग में बंधक रखी गई थी। हालांकि नामांतरण क्रमांक 5505047/2802824/02984 दिनांक 10 फरवरी 2024 बी-1 कैफियत में दर्ज तो है, परंतु नामांतरण पंजी में दर्ज नहीं पाया गया।इसी तरह ग्राम घुचांपुर, पटवारी हल्का नंबर 20, राजस्व निरीक्षक मंडल कोरबी की भूमि खसरा नंबर 206/1 से 206/8 (रकबा 1.876 हेक्टेयर), खसरा नंबर 208/1 से 208/11 (रकबा 0.833 हेक्टेयर) और खसरा नंबर 208/12 (रकबा 1.886 हेक्टेयर) कुल 4.595 हेक्टेयर भूमि का भी बटांकन किया गया। यह भूमि अजय यादव पिता हीरावन (जाति रावत, अन्य पिछड़ा वर्ग) के नाम पर दर्ज पाई गई, जिसे 30 सितम्बर 2024 को प्रथम बैंक बेमेतरा शाखा में बंधक रखा गया था।कुल सात खसरा नंबर और 13.629 हेक्टेयर भूमि से जुड़े इस पूरे प्रकरण में आरोप है कि संबंधित व्यक्तियों ने षड्यंत्रपूर्वक राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर जमीन अपने नाम दर्ज कराई और बाद में बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए उसे बंधक रख दिया। इस तरह की कुटरचना और कदाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में मानते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने थाना पुलिस को संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।