0 आंदोलन में भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष रामभरोस बासोतिया होंगे शामिल
रायपुर -कोरबा। निरंतर किसानों को हो रही समस्याओं एवं सरकार की उपेक्षा से नाराज़ होकर भारतीय किसान संघ ने बड़े आंदोलन की राह पकड़ी है। भारतीय किसान संघ 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहा है इसमें पूरे प्रदेश के किसान सहभागी होंगे
इसके पूर्व भी किसानों की समस्याओं को लेकर किसान संघ ने जिलों एवं तहसीलों में क्रमबद्ध आंदोलन किया था। अभी हाल ही में 18 सितंबर को प्रदेश की लगभग 150 तहसीलों में एक साथ ज्ञापन सौंपा था।
ज्ञापन में किसानों की प्रमुख माँगों जैसे बिजली बिल हाफ योजना पुनः लागू की जाए, पिछली सरकार की शेष चौथी किश्त भुगतान, धान के मूल्य 3100 ₹ में दो वर्ष के समर्थन मूल्य की वृद्धि 186 ₹ जोड़कर दिया जाए, प्रति तौल 40.700 किलोग्राम धान खरीदी, सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाए, गन्ना फसल में मूल्य वृद्धि, दलहन-तिलहन पर अनुदान बढ़ाया जाए, तथा जैविक खेती के लिए केंद्रीय अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिए जाने जैसी मांगें प्रमुख थीं।
परंतु खेद का विषय है कि सरकार की ओर से अब तक किसी भी प्रकार का आश्वासन या ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस उपेक्षा और सरकार की चुप्पी के विरोध में भारतीय किसान संघ अब प्रदेशव्यापी आंदोलन करने जा रहा है एवं किसानों की मांग पूरी होने तक चरणबद्ध तरीके से किसान संघ आंदोलन करते रहेगा।
इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता गाँव-गाँव जाकर किसानों को जानकारी दे रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण यह की किसान स्वस्फूर्त इस आंदोलन में आने तैयार हो रहा है।
आंदोलन 13 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे से बुढ़ा तालाब, रायपुर में प्रारंभ होगा। एक स्थान पर सभा करने के पश्चात् रैली के रुप में “मुख्यमंत्री निवास घेराव” हेतु प्रस्थान किया जायेगा।
👉मुख्य मांगें
- घरेलू बिजली पर पुनः हाफ बिल योजना लागू की जाए और कृषि पंपों को 24 घंटे बिजली दी जाए।
- पिछली सरकार के शेष चौथी किश्त का भुगतान दिपावली पूर्व किया जाए।
- एग्रीस्टेक की विसंगतियों को दूर किया जाए, धान के मूल्य 3100 ₹ में दो वर्ष के बढ़े हुए समर्थन मूल्य 186 ₹ के साथ जोड़कर दिया जाए, धान खरीदी 1 नवंबर से प्रारंभ की जाए।
- धान खरीदी प्रति तौल बारदाने सहित 40 किलो पर 700 ग्राम ही लिया जाए।
- दलहन, तिलहन, मक्का, सूरजमुखी की खरीदी एवं अनुदान बढ़ाया जाए।
- गन्ना फसल को कृषक उन्नति योजना में जोड़ा जाए एवं गन्ने का समर्थन मूल्य ₹500 क्विंटल घोषित किया जाए।
- प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाए।
- खाद की कालाबाजारी बंद हो एवं समितियों में भंडारण सुनिश्चित किया जाए ।
- जैविक खेती के लिए भारत सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान को राज्य सरकार द्वारा किसानों को दिया जाए।