KORBA : उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने उच्च शिक्षा मंत्री के नाम अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन ,अनदेखी पर उग्र आंदोलन का दिया अल्टीमेटम …..

कोरबा। छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक ने राज्य के महाविद्यालयों को संकट में डाल दिया है। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि छात्रों का शैक्षणिक भविष्य दांव पर लगा है और यदि तत्काल रोक नहीं हटाई गई तो पार्टी उग्र आंदोलन छेड़ने को मजबूर होगी।

इस रोक के कारण अधिकांश महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है, जिससे हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। कुर्रे ने बताया कि सत्र 2024-25 से छत्तीसगढ़ के सभी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई है, जिसके तहत परीक्षाएं सेमेस्टर पद्धति से आयोजित होनी हैं – प्रथम सेमेस्टर दिसंबर में और द्वितीय जून में। लेकिन नियमित शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था मुख्य रूप से अतिथि व्याख्याताओं पर निर्भर है। वर्ष 2024 में लागू अतिथि व्याख्याता नीति के अनुसार, श्रेणी 1, 2 और 3 के व्याख्याताओं को अगले सत्र में पुनः नियुक्त किया जाना था, जबकि श्रेणी 4 के रिक्त पदों के लिए नए विज्ञापन जारी करने थे। श्रेणी 4 के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जून 2025 में शुरू हुई, जब दिनांक 23/07/2025 को संबंधित पत्र जारी किया गया और महाविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हुई। लेकिन मात्र एक दिन बाद, 24/07/2025 को आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया पर रोक लगा दी और एक सप्ताह के भीतर जांच के लिए संभागवार समिति गठित की गई। जांच का मुख्य कारण नियुक्ति में अनियमितताएं बताई गईं, जिसमें अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने और स्थानीय युवाओं को दरकिनार करने के आरोप शामिल हैं।

शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अकादमिक कैलेंडर के अनुसार, अध्यापन कार्य 1 जुलाई से शुरू होना था, प्रायोगिक परीक्षाएं 10 से 20 नवंबर के बीच और प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं 28 नवंबर 2025 से निर्धारित हैं। लेकिन आज 13 अक्टूबर 2025 तक रोक नहीं हटाई गई है, जिससे जुलाई से ही कक्षाएं प्रभावित हैं। कुर्रे ने पत्र के माध्यम से जोर देकर कहा है कि, “यह शासन की घोर लापरवाही है। छात्रों को बिना पढ़ाए परीक्षा देने पर मजबूर किया जा रहा है, जो उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उच्च शिक्षा विभाग की इस नाकामी से छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगार हो रहे हैं और अन्य राज्यों के लोग नौकरियां हड़प रहे हैं।”

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी मांग करती है कि छात्र हित को सर्वोपरि रखते हुए तत्काल रोक हटाई जाए, नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी की जाए और परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय दिया जाए। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो छात्र हित मे पार्टी स्तर पर उग्र आंदोलन करेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी। कुर्रे ने माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग से अपील की कि इस मामले में की गई सभी कार्रवाइयों से उन्हें अवगत कराया जाए।
इस दौरान जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे, शहर अध्यक्ष हरि चौहान, छत्रपाल, जेसीपी महिला अध्यक्ष चंचल महंत, उपाध्यक्ष सुनीता खूंटे, महासचिव प्रेरणा कुर्रे, सुमित्रा महंत सहित छत्तीसगढिया क्रान्ति सेना से कमलेश धीवर, कमलेश यादव, उमा शंकर, महेन्द्र यादव सहित अनेको सेनानी उपस्थित रहे ।