हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। भाजपा शासित छत्तीसगढ़ शासन का महिला एवं बाल विकास विभाग जिसका मूल दायित्व बालकों के साथ महिलाओं के अधिकारों की रक्षा कर उन्हें आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की भी है अपने ही महिला अधिकारी को प्रताड़ित कर रहा। जी हां जिला कार्य्रकम अधिकारी कोरबा के पद पर पदस्थ श्रीमती रेणु प्रकाश का 4 साल में चौथे जिले में अव्यवहारिक रूप से ट्रांसफर करने के बाद अधिकारी द्वारा हाईकोर्ट में ट्रांसफर आदेश को दी गई चुनौती संबंधी याचिका के अभ्यावेदन को सचिवों की समिति ने खारिज कर दिया। लिहाजा डीपीओ को नवीन पदस्थापना स्थल के लिए संचालक ने एकतरफा भारमुक्त कर कोरबा जिले में सेवाएं दे रहे जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी गजेंद्र देव सिंह को जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार सौंपकर रेडी टू इट चयनित जिलों में प्रभार वाली संस्कृति का विस्तार कर दिया है।

गौरतलब हो कि 30 जून को महिला एवं बाल विकास विभाग ने सोमवार को 7 जिला कार्यक्रम अधिकारियों का स्थानांतरण आदेश जारी किया था। जारी नवीन पदस्थापना आदेश में सूरजपुर ,महासमुंद ,बलौदाबाजार ,
कोंडागाँव ,कोरबा एवं बस्तर जिला प्रभावित हुआ था। सबसे बड़ी हैरानी
कई डीपीओ का 2 साल के पहले ही ट्रांसफर से विभाग सुर्खियों में बना हुआ है।
कोरबा जिले में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश का तबादला ,कोंडागाँव जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर कर दिया गया था। इनकी कोरबा जिले में पदस्थापना को सवा साल ही हुए थे कि पुनः उनका तबादला कर दिया गया। इससे पूर्व वो जशपुर जिले में महज 8 माह ही रहीं कि उनका ट्रांसफर कोरबा कर दिया गया था। जशपुर से पहले जगदलपुर विभागीय ट्रेनिंग सेंटर में भी वो साल भी नहीं रहीं।इस तरह 2022 से 2025 तक चार साल में उनका यह चौथी ट्रांसफर था । डीपीओ रेणु प्रकाश के कार्यकाल में विभाग के योजनाओं ,कार्यों में अपेक्षित गति गुणवत्ता आई थी। बावजूद इसके 2 साल से पूर्व उनका लगातार स्थानांतरण समझ से परे था।लिहाजा रेणु प्रकाश ने पहली बार विभागीय स्थानांतरण आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। माननीय उच्च न्यायालय ने प्रकरण में 18 जुलाई को आदेश पारित कर याचिकाकर्ता को वरिष्ठ सचिवों की समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने आदेशित किया था। आवेदिका डीपीओ रेणु प्रकाश ने उच्च न्यायालय के अनुपालन में वरिष्ठ सचिवों की समिति के समक्ष अभ्यावेदन विचारार्थ प्रस्तुत किया था। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 09.10.2025 के द्वारा प्रेषित समिति की अनुशंसा दिनांक 07.10.2025 अनुसार डीपीओ रेणु प्रकाश का अभ्यावेदन अमान्य कर दिया गया । वरिष्ठ सचिवों की समिति द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश के अभ्यावेदन को अमान्य किए जाने के फलस्वरूप संचालक पदुम सिंह एल्मा ने सोमवार 13 अक्टूबर को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी गजेंद्र देव सिंह को जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार सौंपकर जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश को नवीन पदस्थापना स्थल कोंडागांव के लिए एकतरफा भारमुक्त कर दिया है।
👉स्थानांतरण नीति के विरुद्ध हुआ था तबादला ! आखिर किस बात की सजा?


शासन की प्रदेश की स्थानांतरण नीति में स्पष्ट नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि 2 साल उपरांत ही शासकीय सेवकों का स्थानांतरण किया जाए। लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग ने 30 जून को जारी डीपीओ के नवीन पदस्थापना आदेश में इसकी अनदेखी कर दी। कोरबा में पदस्थ डीपीओ रेणु प्रकाश को 2 साल भी नहीं हुए थे कि इनका तबादला कर दिया गया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है ।साथ ही अब वरिष्ठ सचिवों की समिति ने अभ्यावेदन किस आधार पर अमान्य किया ये तो वे ही जानें पर कई तरह के सवाल उठ रहे। आखिर विभागीय कार्य दायित्वों का संजीदगी से निर्वहन करने वाली
विभागीय योजनाओं का नवाचारों के जरिए हितग्राहियों को अधिकाधिक लाभ दिला आकांक्षी जिला कोरबा को निर्धारित पैरामीटर्स में आगे ले जाने वाली डीपीओ को आखिर किस बात की सजा हर साल दी जा रही विभाग की स्थानांतरण नीति पर यह गंभीर सवाल उठ रहे। आखिर विभाग की नीति में डीपीओ फिट नहीं बैठ रहीं या फिर डीपीओ लगातार किसी राजनीति दबाव का शिकार हो रही हैं महकमे में भी अब इसकी चर्चा होने लगी है।
👉सूरजपुर के बाद कोरबा में प्रभार वाली प्रथा



यही नहीं प्रशासनिक आधार पर रेणु प्रकाश का तबादला तो कर दिया गया लेकिन विभाग आकांक्षी जिला होने के बाबजूद कोरबा जिले में डीपीओ की पदस्थापना करना भूल गया। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी गजेंद्र देव सिंह को जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार सौंपा गया है। इससे पूर्व सूरजपुर जिले में भी सूरजपुर जिले में भी डीपीओ रमेश साहू का प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर कर उन्हें सचिव महिला आयोग के पद पर पदस्थ किया गया है। लेकिन यहाँ भी डीपीओ की पदस्थापना नहीं की गई।यहाँ भी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के पद पर एमसीबी जिले में सेवाएं दे रहे शुभम बंसल की प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सूरजपुर के पद पर 30 जून को ही पदस्थापना की जा चुकी है। गौरतलब हो ये दोनों जिले
रेडी टू ईट के पॉयलट प्रोजेक्ट वाले जिलों में शामिल हैं।इनके अलावा रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा,बस्तर एवं बलौदाबाजार भी 6 जिलों में शामिल हैं। शासन ने इन आधा दर्जन जिलों में अपनी चुनावी जनघोषणा पत्र के मुताबिक स्थानीय स्व सहायता समूहों को परियोजना स्तर पर रेडी टू ईट संचालन(निर्माण एवं वितरण ) का दायित्व देने का निर्णय लिया है। समूह चयन की प्रक्रिया के बाद लगभग सभी जिलों में स्वचलित मशीन स्थापित की जा रही है। विभागीय प्रशिक्षण उपरांत दिसंबर -जनवरी माह से चयनित समूह उत्पादन में आ जाएंगे।
प्रभारी अधिकारियों के विस्तार से विभाग पर रेडी टू ईट का संचालन शुरू होने से पहले कांग्रेस सरकार की तर्ज पर प्रभार वाली प्रथा को बढ़ावा देने वाला अनचाहा टैग लग गया है। जिसका वो कांग्रेस शासनकाल में विरोध करते आ रही है।