KORBA : टीपर की बेलगाम रफ्तार ने ले ली गौमाता की जान,जिम्मेदार मौन !

0 रायल्टी न भंडारण, सीधे खोदो और बेचो,राजनीतिक रसूख के आगे बेबस सिस्टम, नेताओं ने भी किया निवेश तो हाथ कौन लगाए

कोरबा। शहर के भीतर से बेलगाम होकर तेज रफ्तार दौड़ते ओवरलोड रेत परिवहन वाले टीपर की टक्कर से एक गौ वंश की मौत हो गई। मुख्य मार्ग पर बंटी स्टोर के निकट सीतामढ़ी की ओर से रेत भर कर आ रहे टीपर के चालक ने संकरी सड़क और साप्ताहिक बाजार का दिन होने से भीड़-भाड़ के बावजूद तेज रफ्तार से वाहन चलाकर उक्त गौवंश को टक्कर मार दिया और वहां से चलता बना। उसके पीछे आ रही एक और रेत भरी टीपर भी देखकर निकल गई। शाम करीब 5:30 बजे हुए इस हादसे में गौवंश का करुणान्त हो गया।

सूचना पर कोतवाली थाना से स्टाफ मौके पर पहुंचा और शव को मालवाहन में उठवाकर अंतिम क्रिया के लिए ले जाया गया। घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की और प्रशासनिक बेबसी का जिक्र करते हुए वाहन चालक पर कार्रवाई तथा टीपर,ट्रेक्टर और शहर में दौड़ते भारी यात्री वाहनों की रफ्तार पर भी लगाम लगाने का आग्रह किया।

👉 बरसात में थमे न सूखे में, गीली रेत भी ढो रहे

बता दें कि कोरबा जिले में रेत के अवैध खनन और परिवहन को राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है और इन्होंने बरसात के मौसम में जबकि रेत व अन्य खनिज के खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रहता है, उस समय भी नदियों में जेसीबी, ट्रैक्टर और टीपर उतारकर अपना काम धंधा जारी रखा। कुछ एक मामलों में कार्रवाई कर राजस्व प्राप्ति की खानापूर्ति जरूर की गई लेकिन इसके अलावा पूरे समय यह गोरखधंधा दिन-रात चलता रहा। वर्तमान में भी सीधे नदियों से रेत खोद कर निकाला और बेचा जा रहा है। ग्रामीण अंचलों और उपनगरीय क्षेत्र की नदियों में तो ट्रैक्टरों का मेला-सा लगा रहता है। चंद भाजपा नेताओं और उनके करीबियों की सीधी भागीदारी रेत के वैध कम इसकी आड़ में ज्यादातर अवैध कारोबार में होने के कारण अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो रही है। यह रेत माफियाओं के रसूख का ही असर है कि उनके आगे परिवहन विभाग भी पूर्णतः नतमस्तक हो गया है। प्रायः सभी ट्रैक्टर और ट्राली बिना नंबर के खनिज परिवहन में लगे हुए हैं और टीपर तो डाला बॉडी ऊँचा कर उसके ऊपर तक रेत ढोए जा रहे हैं। इन्हें आसानी से फिटनेस सर्टिफिकेट भी मिल जाता है।

सोर्स -सत्य संवाद