कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव 2025 में कोरबा जिले की प्रतिभाशाली बाल कलाकार अर्शिका आर्या ने अपने मनमोहक कथक नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिला मुख्यालय में 2 नवंबर से 5 नवंबर तक चल रहे इस राज्य महोत्सव में प्रदेशभर से कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला, संस्कृति और लोक परंपराओं का सुंदर प्रदर्शन किया। इन्हीं में से एक आकर्षण रही कक्षा चौथी की नन्ही कलाकार अर्शिका आर्या की प्रस्तुति, जिसने मंच पर उपस्थित दर्शकों के हृदय को छू लिया।
डीपीएस बालको की छात्रा अर्शिका आर्या ने पारंपरिक कथक नृत्य की ऐसी अनुपम प्रस्तुति दी, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि नई पीढ़ी भी भारतीय शास्त्रीय कला की गहराइयों को समझ रही है और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प रखती है। अर्शिका ने अपने गुरु रंजीत नायक के निर्देशन में कथक नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। मंच पर उनकी लय, ताल और भाव-भंगिमा का ऐसा सुंदर संगम देखने को मिला कि उपस्थित दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साहवर्धन किया।

राज्योत्सव के इस मंच पर अर्शिका आर्या की प्रस्तुति ने पारंपरिक भारतीय नृत्य कला और आधुनिक संवेदनशीलता का एक अद्भुत मेल प्रस्तुत किया। नन्ही उम्र में जिस आत्मविश्वास, सहजता और भावाभिव्यक्ति के साथ उन्होंने मंच को सजाया, वह हर किसी को अचंभित कर गया। उपस्थित अतिथियों ने भी उनकी प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की यह नई पीढ़ी हमारी सांस्कृतिक धरोहर की सच्ची वारिस है।
अर्शिका ने इससे पूर्व भी कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने बिलासपुर, भिलाई और पुणे सहित विभिन्न शहरों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कथक नृत्य की प्रस्तुति देकर प्रशंसा अर्जित की है। उनकी प्रत्येक प्रस्तुति में नृत्य की गहराई और भावनाओं की सजीवता दिखाई देती है, जो दर्शकों को भारतीय संस्कृति के करीब ले जाती है।
अर्शिका आर्या के पिता बालको संयंत्र में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता शिक्षा विभाग में व्याख्याता के रूप में सेवाएं दे रही हैं। परिवार का सहयोग और गुरु का मार्गदर्शन ही उनकी इस उपलब्धि के पीछे की सबसे बड़ी प्रेरणा शक्ति है।
राज्योत्सव में अर्शिका की प्रस्तुति न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि कोरबा जिले के लिए भी गर्व का विषय बन गई है। इस प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि छत्तीसगढ़ की धरती प्रतिभाओं से परिपूर्ण है, और यहाँ की नई पीढ़ी अपने कला कौशल से प्रदेश और देश का नाम रोशन करने के लिए तत्पर है।
