100 रुपए की पानी बोतल ! मल्टीप्लेक्स में मनमानी ,महंगाई पर सुप्रीम कोर्ट नाराज , कहा -तो खाली हो जाएंगे मल्टीप्लेक्स …..

कर्नाटक ।हाल ही में कर्नाटक सरकार ने फैसला लिया था कि सिनेमाघरों में टिकट की अधिकतम कीमत 200 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. हालांकि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और कुछ अन्य संस्थाओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो अदालत ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा,’सिनेमाघरों का चलन लगातार कम होता जा रहा है और अगर मल्टीप्लेक्स अपने टिकट दामों को वाजिब नहीं बनाते तो उनके थिएटर खाली रह जाएंगे.’

मामला कर्नाटक सिनेमाज (रेगुलेशन) (अमेंडमेंट) रूल्स, 2025 से जुड़ा है. इस नियम के तहत राज्य सरकार ने तय किया था कि किसी भी सिनेमाघर या मल्टीप्लेक्स में फिल्म टिकट की अधिकतम कीमत 200 रुपये से ज्यादा नहीं होगी. जिसके बाद पहले यह मामला हाई कोर्ट गया. कर्नाटक हाईकोर्ट के सिंगल जज ने 23 सितंबर को इस नियम पर अस्थायी रोक लगा दी थी. बाद में डिवीजन बेंच ने 30 सितंबर को सुनवाई करते हुए कहा कि जब तक मामला लंबित है, तब तक एक अंतरिम व्यवस्था बनाई जानी चाहिए ताकि सभी पक्षों के आर्थिक हित सुरक्षित रहें.

डिवीजन बेंच के आदेश के मुताबिक मल्टीप्लेक्सों को कहा गया कि वे हर टिकट की पूरी डिटेल रिकॉर्ड करें, टिकट बिकने की तारीख, समय, पेमेंट का तरीका, बुकिंग माध्यम, वसूली गई रकम और जीएसटी का विवरण. साथ ही कहा गया था कि कैश में टिकट बेचने पर नंबरयुक्त, टाइम-स्टैम्प वाली रसीद दी जाए और डेली नकद रजिस्टर पर मैनेजर के हस्ताक्षर हों.

अब सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने इस डिवीजन बेंच के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि मल्टीप्लेक्सों को इस तरह का रिकॉर्ड रखने की अनिवार्यता से अभी राहत दी जाती है. हालांकि सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा,’टिकट की कीमत तय होनी चाहिए. आजकल लोग 100 रुपये की पानी की बोतल खरीदते हैं. वैसे ही सिनेमाघरों की हालत खराब होती जा रही है. अगर दाम वाजिब नहीं रखे गए तो थिएटर खाली हो जाएंगे. लोगों को सस्ता मनोरंजन मिलना चाहिए. हम भी मानते हैं कि टिकट का रेट 200 रुपये होना चाहिए.’ अदालत ने कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य पक्षों को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया है.