बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 4 नवंबर को हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। गतौरा-लालखदान ओवरब्रिज के बीच शाम करीब 4:10 बजे हुई इस दुर्घटना में गेवरारोड-बिलासपुर एमईएमयू लोकल ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मेमू ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए, जिससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई। हादसे के तुरंत बाद रेलवे प्रशासन, जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य देर रात तक जारी रहा। जानकारी के मुताबिक, इस भीषण टक्कर में अब 14 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

👉घायल छात्रा महविश परवीन की मौत

बिलासपुर रेल हादसे में घायल हुई डीपी विप्र कॉलेज की छात्रा महविश परवीन की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसका अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज में बीएससी गणित की नियमित छात्रा थी। अब रेल हादसे में मौत की संख्या बढ़कर 14 हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, महविश अपने चचेरे भाई की शादी के लिए अपने घर जांजगीर गई हुई थी।। 4 नवंबर को छात्रा कोरबा-बिलासपुर मेमू से बिलासपुर आ रही थी। मेमू ट्रेन लालखदान के बाद मालगाड़ी से टकरा गई। वह ट्रेन के महिला कोच में सवार थी। भीषण हादसे में उसके दोनों पैर लोहे के एंगल के नीचे दब गए थे। उसके पैर पर मल्टीपल फ्रैक्चर थे। झटका लगने से कॉलर बोन और पसली के चार हड्डियां भी फ्रैक्चर हुई थीं। हादसे के बाद तुरंत बाद उसे सिम्स अस्पताल लाया गया था, जहां से डॉक्टरों ने अपोलो रेफर कर दिया था। एक सप्ताह से डॉक्टर लगातार महविश का इलाज कर रहे थे।डॉक्टरों के अनुसार, कई घायलों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। मृतकों में ज्यादातर यात्री कोरबा, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर जिले के निवासी बताए जा रहे हैं।
👉नहीं पता चल सका अभी तक हादसे का कारण

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसा या तो सिग्नलिंग सिस्टम की त्रुटि या फिर मानवीय गलती के कारण हुआ हो सकता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। घटना की जांच के लिए रेलवे ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें सुरक्षा और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम ने ट्रैक, सिग्नलिंग उपकरण और इंजन रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि हादसे के समय ट्रेन किस गति से चल रही थी, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के वक्त ट्रेन की रफ्तार काफी तेज थी।
