हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । समर्थन मूल्य पर 15 नवंबर से धान खरीदी का आगाज होने जा रहा है । लेकिन खरीदी शुरू होने से पखवाड़े भर पहले ही बेमियादी हड़ताल में गए सहकारी कर्मचारियों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। पूरे प्रदेश की तर्ज पर आकांक्षी जिला कोरबा में भी जिला प्रशासन ने सभी 65 उपार्जन केंद्रों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ( आरएईओ ), एसएडीओ ,खाद्य निरीक्षक ,सहकारिता निरीक्षकों की उपार्जन केंद्र प्रभारी/नोडल अधिकारी के तौर पर ड्यूटी लगा दी है। लेकिन ड्यूटी लगते ही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ( आरएईओ ), कृषि विकास अधिकारियों (एसएडीओ )ने प्रांतीय आव्हान पर कलेक्टोरेट एवं उप संचालक कृषि के दफ्तर पहुंचकर कृषि उत्पादन आयुक्त के पत्र का हवाला देते हुए जिला प्रशासन को उपार्जन केंद्र प्रभारी / नोडल अधिकारी के पदों पर लगाई गई ड्यूटी से मुक्त करने संयुक्त ज्ञापन सौंपा है। उप संचालक कृषि को दो टूक लहजे में संघ के पदाधिकारियों ने आगाह किया है कि वे शनिवार से शुरू हो रहे धान खरीदी अभियान में स्वयं को पृथक रखेंगे। आरएईओ एवं एसएडीओ के इस पत्र ने शासन प्रशासन की वैकल्पिक व्यवस्था पर ही सवाल उठ रहे। इसका त्वरित समाधान नहीं निकाला गया तो 65 में से 45 से अधिक उपार्जन केंद्रों में तालाबंदी के हालात बन आएंगे ,व्यवस्था प्रभावित होने के आसार बढ़ जाएंगे ।

यहाँ बताना होगा कि छत्तीसगढ़ शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025 -26 में 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक एग्रिस्टैक पोर्टल में पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। लेकिन इसके पूर्व ही एक माह से चली आ रही चरणबद्ध आंदोलन के तहत छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायपुर के आव्हान पर प्रदेश के 2058 समितियों के कर्मचारी 12 नवंबर से 4 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल में चले गए हैं। प्रबंधक ,विक्रेता ,डाटा एंट्री ऑपरेटर ,चौकीदार से लेकर हमाल तक के हड़ताल तक में जाने से सरकार की नींद उड़ गई है।






हालांकि कर्मचारियों के मांगों को मानने कीगल जगह सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दीगर विभाग के कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपकर धान खरीदी की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत अन्य जिलों की तर्ज पर आकांक्षी जिला कोरबा के भी 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी व्यवस्था सुचारू रूप से बनाए रखने जिला प्रशासन ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ( आरएईओ ),कृषि विकास अधिकारी ( एसएडीओ ) ,खाद्य निरीक्षक ,सहकारिता निरीक्षकों प्रबंधक /नोडल अधिकारी के तौर पर ड्यूटी लगा दी है। लेकिन ड्यूटी लगते ही 50 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ( आरएईओ ), कृषि विकास अधिकारियों (एसएडीओ )ने प्रांतीय आव्हान पर कलेक्टोरेट एवं उप संचालक कृषि के दफ्तर पहुंचकर कृषि उत्पादन आयुक्त के पत्र का हवाला देते हुए जिला प्रशासन को प्रबंधक / नोडल अधिकारी के पदों पर लगाई गई ड्यूटी से मुक्त करने संयुक्त ज्ञापन सौंपा है। उप संचालक कृषि को दो टूक लहजे में संघ के पदाधिकारियों ने आगाह किया है कि वे शनिवार से शुरू हो रहे धान खरीदी अभियान में स्वयं को पृथक रखेंगे।
आरएईओ एवं एसएडीओ के प्रबंधक /नोडल अधिकारी के दायित्व से मुक्त होने के ऐलान के बाद वैकल्पिक व्यवस्था पर ही सवाल उठ रहे हैं। इनके दायित्व निर्वहन से पीछे हटने के बाद जिला प्रशासन के समक्ष कड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है । इसका त्वरित समाधान नहीं निकाला गया तो 65 में से 45 से अधिक उपार्जन केंद्रों में तालाबंदी के हालात निर्मित हो सकते हैं।
👉 तो क्या प्रभारी प्रबंधक /उपार्जन केंद्र प्रभारी धान खरीदी व्यवस्था से जुड़े सभी दायित्वों के निर्वहन में होंगे सक्षम ?


समिति कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने के कारण धान खरीदी प्रारंभ किए जाने में कठिनाई को देखते हुए शासन ने जिला प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभागीय कर्मचारियों को समिति प्रबंधक का प्रभार सौंपने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश के परिपालन में जिला प्रशासन ने सहकारिता,खाद्य ,कृषि विभाग एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों को उपार्जन केंद्र प्रभारी नियुक्त किया है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी के लिए विक्रेता (फड़ प्रभारी),डाटा एंट्री ऑपरेटर ,बारदाना प्रभारी एवं हमाल के संदर्भ में पृथक से आदेश जारी नहीं किया है। इससे तो यही सवाल उठ रहे कि उधार के उपार्जन केंद्र प्रभारी इन कर्मचारियों के दायित्व का निर्वहन कैसे करेंगे ?छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने से पहले ही सरकारी सिस्टम बुरी तरह लड़खड़ा गया है। 12 दिन से हड़ताली सहकारी समिति कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटरों की गैरहाज़िरी ने खरीदी प्रक्रिया को अधर में लटका दिया है। सरकार ने बिना अनुभव वाले विभागीय कर्मचारियों और अफसरों को अचानक उपार्जन केंद्रों पर बैठाकर वैकल्पिक व्यवस्था का ढोल पीटना शुरू कर दिया है, पर बड़ा सवाल यह है कि क्या ये नए कर्मचारी ऑनलाइन धान खरीदी जैसे जटिल और हाई-टेक सिस्टम को संभाल भी पाएंगे?
कुछ घंटों में प्रशिक्षित कर्मचारी यह समझ पाएंगे कि ऑनलाइन पोर्टल, किसान पंजीयन, तौल-पर्ची, गुणवत्ता ग्रेडिंग और भुगतान मैपिंग कैसे चलती है? यह काम अनुभव मांगता है, न कि केवल निर्देश।
👉 आरएईओ ने यह कहकर खड़े किए हाथ






छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष संजय कुमार सोनवानी के नेतृत्व में संघ के 50 से सदस्यों आरएईओ ने प्रबंधक /उपार्जन केंद्र प्रभारी /नोडल अधिकारी के पद पर लगाए गए ड्यूटी से मुक्त करने ज्ञापन सौंपा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि संघ के द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त को पत्र सौंपा गया था । जिसके तारतम्य में समस्त कलेक्टर को संदर्भित पत्र के माध्यम से अधिकारी प्रबंधक के रूप में ड्यूटी नहीं लगाए जाने निर्देशित किया गया है। उसके बावजूद उक्त कार्यों हेतु समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का ड्यूटी लगाई गई गई है जो खेद का विषय है। संघ ने कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि वर्तमान में कृषि विभाग के सभी अधिकारियों द्वारा रबी 2025-26 हेतु निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति ,रबी फसल हेतु आदान सामाग्री वितरण,प्रधानमंत्री फसल बीमा ,न्यादर्ष पद्धति से फसल कटाई प्रयोग,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत नवीन पंजीयन ,भौतिक सत्यापन ,ई -केवायसी,आधार सिडिंग ,लैंड सिडिंग,मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण,एग्रीस्टेट पंजीयन आदि अनेक महत्वपूर्ण एवं समयबद्ध कार्य मैदानी कर्मचारियों के द्वारा संपादित किया जा रहा है। जिसे देखते हुए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी,कृषि विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी प्रबंधक के दायित्व से मुक्त रखा जाए।
👉 31 .19 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य ,आज सोनपुरी से होगी बोहनी
आकांक्षी जिला कोरबा के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाएगी। इस साल जिले को 31 लाख 19 हजार 640 क्विंटल का अनुमानित धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है। एग्रिस्टैक पोर्टल में पंजीकृत तकरीबन 49 हजार किसानों के माध्यम इस लक्ष्य की पूर्ति की जाएगी।मार्कफेड को इसके लिए 15 हजार 598 गठान (1 गठान में 500 नग बारदाना होते हैं ) का लक्ष्य मिला है। जिसकी पूर्ति में तकरीबन 13 हजार गठान का भंडारण खबर लिखे जाने तक जिले के समितियों में हो चुका था। जिले में पहले दिन ही उपार्जन केंद्र सोनपुरी से धान खरीदी की बोहनी(शुरुआत) होगी। यहाँ एक किसान से ऑनलाइन टोकन कटाया है।
