रायपुर। रायपुर पुलिस की गिरफ्त में आए हिस्ट्रीशीटर सूदखोर वीरेंद्र तोमर से पूछताछ के दौरान उसकी फरारी से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरारी के दौरान वीरेंद्र लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके।
👉फरारी के दौरान कहां-कहां छिपा था वीरेंद्र?

गिरफ्तारी के बाद पता चला कि फरार होने के तुरंत बाद वह 2 दिन तक बिलासपुर में रुका। बिलासपुर से वह सूरत (गुजरात) भाग गया। सूरत के बाद उसने राजस्थान में शरण ली। फिर राजस्थान छोड़कर वह मध्यप्रदेश के धिमनी पहुंचा, जहां उसने कुछ समय बिताया। इसके बाद वह ग्वालियर पहुंचा, जहां से अंततः उसकी गिरफ्तारी हुई।
👉करणी सेना की मदद से हुआ फरार
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि फरार होने में करणी सेना के कुछ लोगों की सहायता मिली थी। मामले में उनकी भूमिका की भी जांच जारी है।
👉कॉन्टैक्ट में कैसे रहा?
फरारी के दौरान वीरेंद्र, रोहित तोमर से कॉनफ्रेंस कॉल के जरिए लगातार संपर्क बनाए हुए था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि फरारी के दौरान उसे और कौन-कौन मदद कर रहा था। पुलिस अब पूरे नेटवर्क और लोकेशन चेंज की गतिविधियों की तहकीकात (History Sheeter) कर रही है। आगे और भी खुलासे होने की संभावना है।
