कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां समय पर एम्बुलेंस न मिलने की वजह से एक गर्भवती महिला ने चलती ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया। गनीमत रही कि मां और नवजात दोनों स्वस्थ हैं, लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य तंत्र की गंभीर खामियों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
👉जानें क्या है मामला?
मामला अयोध्यापुरी दर्री का है। यहां रहने वाले बाबूलाल विश्वकर्मा की पत्नी सीमा विश्वकर्मा गर्भवती थीं। बुधवार सुबह अचानक सीमा को तेज लेबर पेन हुआ, जिसके बाद परिजन उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे।
👉स्वास्थ्य केंद्र ने दी मेडिकल कॉलेज रेफर करने की सलाह
स्वास्थ्य केंद्र में जांच के दौरान पता चला कि महिला के शरीर में रक्त की कमी है। डॉक्टरों ने उसे तुरंत कोरबा जिला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची। काफी देर इंतजार करने के बाद भी सहायता न मिलने पर स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने मजबूर होकर ई-रिक्शा बुलवाया।
👉रास्ते में ही ई-रिक्शा में हुआ प्रसव

अस्पताल की ओर जाते समय ही सीमा को अत्यधिक दर्द हुआ और कुछ ही मिनटों में चलती ई-रिक्शा में नवजात शिशु का जन्म हो गया। मौके पर मौजूद लोगों की मदद से प्रसव करवाया गया। सौभाग्य से माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित रहे। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है।
👉अस्पताल पहुंचकर दोनों को भर्ती किया गया
प्रसव के बाद सीमा और नवजात को जिला मेडिकल कॉलेज पहुँचाया गया, जहाँ दोनों का उपचार जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों की स्थिति फिलहाल सामान्य है।
👉परिजन बोले- मितानिन ने भी छोड़ दिया साथ
महिला के पति बाबूलाल विश्वकर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर मितानिन बीच में ही चली गई, और कोई सहयोग नहीं किया। वहीं एम्बुलेंस का न आना इस घटना की सबसे बड़ी वजह बनी।
👉सीएमएचओ ने लिया संज्ञान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ)एस.एन. केसरी ने घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा, महिला ने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया है। मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। मामले की जांच की जा रही है और लापरवाही सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
