कोरबा । छुरीकला के समीप ग्राम नवागांव झाबू में सीएसईबी द्वारा बनाए गए राखड़ बांध से उठ रही धूल और प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है। निर्धारित क्षमता से अधिक भराव के बाद राखड़ को बांध से बाहर निकालकर गांव के आसपास ऊंचाई पर डंप किया जा रहा है, जिसके कारण राख हवा में उडक़र आसपास के गांवों तक फैल रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि इससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग से हस्तक्षेप की मांग की है। छुरीकला के पास स्थित ग्राम नवागांव झाबू में सीएसईबी द्वारा राखड़ बांध बनाया गया है, जिसमें विद्युत संयंत्र से निकलने वाली रासायनिक युक्त राख डाली जाती है। बांध भर जाने के बाद राखड़ को बाहर निकालकर गांव से सटे मैदानों में लो लाइन क्षेत्रों से ऊपर पहाड़ की तरह डंप किया जा रहा है।
राखड़ सूखी होने के कारण तेज हवा के साथ उडक़र ग्रामीण इलाकों में फैल रही है, जिससे लोगों का रहना मुश्किल हो गया है।ग्रामीणों का कहना है कि नियमों के अनुसार राखड़ पर लगातार पानी का छिडक़ाव अनिवार्य है, लेकिन प्रबंधन और ठेकेदारों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। उड़ती राखड़ के कारण गांव में धुएँ और धूल जैसा माहौल बन गया है। लोग राख युक्त खाना-पानी लेने को मजबूर हैं और कई लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
साथ ही कृषि भूमि, जलस्रोत और वन संपदा भी प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं।बरसात के मौसम में बांध फूटने की आशंका से ग्रामीणों में डर भी बना रहता है। प्रभावित लोगों और जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर, पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा और मुख्य अभियंता सीएसईबी कोरबा पश्चिम को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
सोर्स वेदांत समाचार
