कोरबा । जिला कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्षद्वय मुकेश राठौर एवं मनोज चौहान एवं पूर्व जिला अध्यक्ष नत्थुलाल यादव ने संयुक्त रूप से प्रेस नोट जारी कर कहा कि जमीनों के गाईड लाइन दर बढ़ाने का कांग्रेस विरोध करती है, यह सरकार का अदूरदर्शी फैसला है । गाईडलाइन की दर बढ़ने से आम आदमी को परेशानी होगी; लोगों का मकान, दुकान, फैक्ट्री बनाने का खर्च बढ़ जायेगा। भूमि की खरीदी-बिक्री बंद हो जायेगी या कम हो जायेगी, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी.। नव नियुक्त जिला अध्यक्ष मुकेश राठौर ने कहा कि यह प्रदेश के विकास में बाधा पहुंचाने वाला फैसला है । पूरे देश में ऐसा कहीं नहीं हुआ कि एक साल में जमीन की गाईडलाईन 130 से 500 प्रतिशत तक बढ़ा दी गयी हो. मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली, पुणे जैसे अन्य बड़े शहरों में भी जमीन की गाईडलाईन की दर एक बार में 10 से 15 प्रतिशत ही बढ़ाई जाने की परंपरा रही है.

ग्रामीण जिला अध्यक्ष मनोज चौहान ने कहा कि सरकार ने पहले भूमि के गाईडलाईन दरों में कांग्रेस सरकार के समय दिये जाने वाले 30 प्रतिशत छूट को समाप्त कर दिया. अब अचानक से जमीनों की सरकारी कीमत 10 से 100 प्रतिशत बढ़ा दी गई है, जिसका मतलब है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद भूमि की सरकारी कीमत 40 से 130 प्रतिशत बढ़ गयी है ।

पूर्व जिला अध्यक्ष नत्थुलाल यादव ने बताया कि 30 लाख की जमीन के लिए 22 लाख की स्टांप ड्यूटी कोई सरफिरि या तुनकमिजाज सरकार ही लगा सकती है। प्रदेश के कई शहरों के आसपास ऐसी स्थिति बन गई है कि अगर कोई 1000 फीट जमीन की खरीदी 6 लाख रु. में करता है, तो उसे 4 लाख 40 हजार रु. रजिस्ट्री शुल्क चुकाना होगा , कुछ क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क और जमीन की कीमत एक बराबर होगी, और कुछ क्षेत्रों में जमीन की कीमत से ज्यादा रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ेगा ।
श्री यादव ने आगे कहा कि ऐसा लगता है सरकार के फैसले जानबूझकर जनता को, विशेषकर किसानों, गरीबों और रियल स्टेट से जुड़े हुये लोगों को परेशान करने के लिये लिये गये है। सरकार के द्वारा जमीन की रजिस्ट्रियों के संबंध में भूमि के गाईडलाईन के संबंध में फैसले जनता के हितों के खिलाफ है। कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार रियल स्टेट सेक्टर देता है। सरकार के इस अनुचित फैसले से छत्तीसगढ़ में रियल स्टेट व्यवसाय की कमर टूट जायेगी.
मुकेश राठौर ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने 30 प्रतिशत छूट देकर प्रदेश में रियल स्टेट सेक्टर में प्राण फूंका था. यही कारण था कि कोरोना के समय भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत थी। वर्तमान सरकार के निर्णय से बेरोजगारी बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था तबाह होगी और रियल स्टेट में गिरावट आयेगी। सरकार का आर्थिक प्रबंधन फेल हो गया है। सरकार के पास अपनी योजनाओं को चलाने के लिए पैसा नहीं है इसीलिए सरकार विभिन्न मदों में टैक्स बढ़ा कर जनता पर बोझ थोप रही है। इसीलिए जमीन के गाईड लाईन के रेट बढ़ाये गये तथा बिजली के दाम भी बढ़ाये गए ।
