कोलकाता। पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया था. इसके बाद से ही वे रडार पर आ गए थे. उन्होंने कई तरह की बयानबाजी भी की थी. हालांकि पार्टी ने उनके बयानों से दूरी बना ली थी.इसके बाद भी उनके बयान नहीं रुके. यही वजह है कि अब टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है.
TMC से सस्पेंड होने के बाद MLA हुमायूं कबीर ने कहा, “मैं कल TMC से इस्तीफा दे दूंगा. अगर जरूरत पड़ी, तो मैं 22 दिसंबर को नई पार्टी का ऐलान करूंगा. हुमायूं के तेवर से साफ है कि अब वे टीएमसी के खिलाफ ही हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका पहले कांग्रेस और बीजेपी से भी नाता रहा है.
हुमायूं पार्टी से बाहर होने के पहले ही नई पार्टी बनाने की बात छेड़ चुके हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि नई पार्टी की रूपरेखा 22 दिसंबर को घोषित की जाएगी. मैं जो पार्टी बनाऊंगा उसका रिजल्ट क्या होगा, वह काउंटिंग के दिन ही जनता बताएगी और सब साबित हो जाएगा. ये भी दावा किया था कि वे खुद रेंजी नगर से चुनाव लड़ेंगे.
👉बाबरी मस्जिद बनाने पर अड़े हुमायूं

विधायक हुमायूं कबीर 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखने पर अड़े हैं. सूत्रों के मुताबिक, बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने ममता सरकार से सवाल किया है कि अगर हुमायूं कबीर के बयानों से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही है, तो उन्हें गिरफ़्तार क्यों नहीं किया जा रहा है.
👉पार्टी ने बाहर किए जाने पर क्या कहा?
टीएमसी ने विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके पीछे की वजह उनके विवादित बयानों को बताया गया है. कार्रवाई भी उनके बयानों के बाद ही की गई है. उन्होंने कहा था कि 6 दिसंबर को मस्जिद का शिलान्यास कोई नहीं रोक सकता है. लाखों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. यही वजह है कि उनके इस बयान से तनाव बढ़ गया. आखिरकार पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया है.
👉राज्यपाल ने जाहिर की थी चिंता
बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी इस मामले में सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि अगर विधायक के बयान से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा है, तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है.गवर्नर ने कहा कि अगर सांप्रदायिक भावनाएं भड़कती हैं, तो राज्य और उसकी सरकार मूक दर्शक नहीं बनी रहेगी.
