गिलोय के चमत्कारिक फायदे,आँखों की रौशनी से लेकर कैंसर तक का इलाज़,जाने लेने की विधि

गिलोय का परिचय

आपने गिलोय के बारे में अनेक बातें सुनी होंगी और शायद गिलोय के कुछ फायदों के बारे में भी जानते होंगे, लेकिन यह पक्का है कि आपको गिलोय के बारे में इतनी जानकारी नहीं होगी, जितनी हम आपको बताने जा रहे हैं। गिलोय के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंथों में बहुत सारी फायदेमंद बातें बताई गई हैं। आयुर्वेद में इसे रसायन माना गया है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

गिलोय के पत्ते स्वाद में कसैले, कड़वे और तीखे होते हैं। गिलोय का उपयोग कर वात-पित्त और कफ को ठीक किया जा सकता है। यह पचने में आसान होती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही यह वीर्य और बुद्धि बढ़ाती है और बुखार, उलटी, सूखी खाँसी, हिचकी, बवासीर, टीबी, मूत्र रोग में भी प्रयोग की जाती है। महिलाओं की शारीरिक कमजोरी की स्थिति में यह बहुत अधिक लाभ पहुंचाती है।

गिलोय के फायदे

गिलोय के औषधीय गुण और गिलोय के फायदे बहुत तरह के बीमारियों के लिए उपचारस्वरूप इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कई बीमारियों में गिलोय के नुकसान से भी सेहत पर असर पड़ सकता है। इसलिए गिलोय का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और तरीका का सही ज्ञान होना ज़रूरी है-

आँखों के रोग में फायदेमंद गिलोय

गिलोय के औषधीय गुण आँखों के रोगों से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं। इसके लिए 10 मिली गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद व सेंधा नमक मिलाकर खूब अच्छी प्रकार से खरल में पीस लें। इसे आँखों में काजल की तरह लगाएं। इससे अँधेरा छाना, चुभन, और काला तथा सफेद मोतियाबिंद रोग ठीक होते हैं।

गिलोय रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बनायें। 10-20 मिली काढ़ा में एक ग्राम पिप्पली चूर्ण व शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है। गिलोय का सेवन करते समय एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि इसका सही मात्रा और सही तरह से सेवन करने पर ही गिलोय के फायदे का सही तरह से उपकार आँखों को मिल सकता है।

कान की बीमारी में फायदेमंद गिलोय का प्रयोग

गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर लें। इसे कान में 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कान का मैल (कान की गंदगी) निकल जाता है। कान के बीमारी से राहत पाने के लिए सही तरह से इस्तेमाल करने पर गिलोय के फायदे मिल सकते हैं। गिलोय का औषधीय गुण बिना कोई नुकसान पहुँचाये कान से मैल निकालने में मदद करते हैं, इससे कानों को नुकसान भी होता है।

हिचकी को रोकने के लिए करें गिलोय का इस्तेमाल

गिलोय तथा सोंठ के चूर्ण को नसवार की तरह सूँघने से हिचकी बन्द होती है। गिलोय चूर्ण एवं सोंठ के चूर्ण की चटनी बना लें। इसमें दूध मिलाकर पिलाने से भी हिचकी आना बंद हो जाती है। गिलोय के फायदे का सही मात्रा में उपयोग तभी हो सकता है जब आप उसका सही तरह से प्रयोग करेंगे।

टीबी रोग में फायदेमंद गिलोय का सेवन

गिलोय का औषधीय गुण टीबी रोग के समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करते हैं लेकिन इनको औषधि के रुप में बनाने के लिए इन सब चीजों के साथ मिलाकर काढ़ा बनाने की ज़रूरत होती है। अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल, बलामूल, अडूसा, पोहकरमूल तथा अतीस को बराबर भाग में लेकर इसका काढ़ा बनाएं। 20-30 मिली काढ़ा को सुबह और शाम सेवन करने से राजयक्ष्मा मतलब टीबी की बीमारी ठीक होती है। इस दौरान दूध का सेवन करना चाहिए। इसका सही तरह से सेवन ही यक्ष्मा (टीबी रोग) में गिलोय के फायदे से पूरी तरह से लाभ उठा सकते हैं।

गिलोय के सेवन से उल्टी रुकती है

एसिडिटी के कारण उल्टी हो तो 10 मिली गिलोय रस में 4-6 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे सुबह और शाम पीने से उल्टी बंद हो जाती है। गिलोय के 125-250 मिली चटनी में 15 से 30 ग्राम शहद मिला लें।

इसे दिन में तीन बार सेवन करने से उल्टी की परेशानी ठीक हो जाती है। 20-30 मिली गुडूची के काढ़ा में मधु मिलाकर पीने से बुखार के कारण होने वाली उलटी बंद होती है। अगर उल्टी से परेशान है और गिलोय के फायदे का पूरा लाभ उठाने के लिए उसका सही तरह से सेवन करना

गिलोय के सेवन से कब्ज का इलाज

गिलोय के औषधीय गुणों के कारण उसको 10-20 मिली रस के साथ गुड़ का सेवन करने से कब्ज में फायदा होता है। सोंठ, मोथा, अतीस तथा गिलोय को बराबर भाग में कर जल में खौला कर काढ़ा बनाएं। इस काढ़ा को 20-30 मिली की मात्रा में सुबह और शाम पीने से अपच एवं कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। गिलोय के फायदे का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए गिलोय का सही तरह से इस्तेमाल करना भी ज़रूरी होता है।

गिलोय के इस्तेमाल से बवासीर का उपचार

हरड़, गिलोय तथा धनिया को बराबर भाग (20 ग्राम) लेकर आधा लीटर पानी में पका लें। जब एक चौथाई रह जाय तो खौलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा में गुड़ डालकर सुबह और शाम पीने से बवासीर की बीमारी ठीक होती है। काढ़ा बनाकर पीने पर ही गिलोय के फायदे पूरी तरह से मिल सकते हैं।