कोरबा। नगर निगम का बजट भले ही सामान्य सभा में पेश नहीं हो पाएगा। लेकिन संपत्तिकर इस बार भी नहीं बढ़ाया जाएगा। लेकिन 31 मार्च तक संपत्तिकर जमा नहीं करने वालों से 1 अप्रैल से साढ़े 6 प्रतिशत पेनाल्टी ली जाएगी। संपत्तिकर नहीं बढ़ाने का निर्णय एमआईसी की बैठक में पहले ही ले लिया गया है। निगम क्षेत्र में संपत्तिकर जमा करने वालों की संख्या 58 हजार है। निगम के आय का एक बड़ा स्रोत संपत्तिकर भी है। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से वसूली प्रभावित हुई है। इस साल लगभग 40 करोड़ की वसूली हो पायी है। पिछली सामान्य सभा की बैठक में आय बढ़ाने के लिए प्राइवेट कंपनी से मकानों का नए सिरे से सर्वे करने चर्चा हुई थी। लेकिन अभी उस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। 10 साल के दौरान मकानों की संख्या बढऩे के साथ ही आकार भी बढ़ चुका है। अगर सर्वे हुआ तो आय में बढ़ोतरी होगी। संपत्तिकर भाजपा के शासनकाल में बढ़ायी गई थी। लेकिन निगम में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद इसे कम करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसका मामला हाईकोर्ट में भी गया था। यहां से निर्णय होने के बाद 50 प्रतिशत संपत्तिकर में कटौती की गई। साथ ही जिन लोगों ने पुराने दर पर संपत्तिकर जमा कर दिया था, उस राशि को समायोजित कर दिया गया।
नगर निगम के संपदा अधिकारी श्रीधर बनाफर का कहना है कि समय पर संपत्तिकर जमा नहीं करने पर साढ़े 6 प्रतिशत की पेनाल्टी का पहले से ही प्रावधान है। लोगों को समय पर टैक्स जमा करने कई तरह की सुविधा दी जा रही है। वे 31 मार्च तक टैक्स जमा कर पेनाल्टी से बच सकते हैं।