कुपोषण मुक्ति अभियान में लापरवाही ,13 सीडीपीओ को नोटिस जारी

महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में क्लेक्टर ने लगाई फटकार

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायगढ़ / कुपोषण मुक्ति अभियान में लापरवाही बरतने वाले रायगढ़ जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के 13 परियोजना अधिकारियों को कलेक्टर भीम सिंह ने नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं । कलेक्टर ने डीपीओ को यह निर्देश योजनाओं की समीक्षा के दौरान खामियां पाई जाने पर दिए हैं। कलेक्टर के सख्त तेवर के बाद विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा है । ।

कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में सेक्टर वाइस दिए गए आंकड़ों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों की संख्या, उनकों दिए जाने वाले रेडी टू इट और गरम भोजन और गर्भवती माताओं को दिए जाने वाले भोजन व दवाइयां, एनआरसी में कुपोषित बच्चों को रखने और उन्हें कुपोषण से बाहर लाने दिए जाने वाले डाइट आदि की एजेंडा वार चर्चा की। इस पर कई जगहों अपेक्षानुरूप प्रगति नहीं होने पर कलेक्टर श्री सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुपोषण योजना अंतर्गत किसी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी। उन्होंने दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए फील्ड पर जाकर ईमानदारी से कार्य करने की बात कही। जांच करने के दौरान अगर आंकड़े गलत निकले तो यह गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आती है। ऐसे अधिकारी व कर्मचारी पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि आप सभी आंगनबाड़ी के अधिकारी-कर्मचारी बच्चों को सबल बनाने का काम करते हो, जो एक पवित्र कार्य है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिलाओं को ही रखा जाता है क्योंकि उनके अंदर मातृत्व रहता है, जो बच्चों की जरूरत को बखूबी समझती है। इसलिए आप सभी को अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए। इसके बाद पोषण वाटिका के संबंध में चर्चा की गई। पोषण वाटिका से आंगनबाड़ी केन्द्रों को लिंक करने और उन्हें पोषण वाटिका से ही सब्जी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान उद्यान अधिकारी द्वारा 500 हेक्टेयर में मुनगा लगवाने और फिर इसके पाउडर बनाने की यूनिट स्थापित करने की भी जानकारी दी गई। इसके बाद महतारी जतन योजना पर कलेक्टर श्री सिंह ने चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने योजना का गांव-गांव में बेहतर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री टी.के.जाटवर सहित सभी सेक्टर के प्रशासनिक पर्यवेक्षक अधिकारी, पर्यवेक्षक सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

इन्हें जारी हुआ नोटिस

कार्य में लापरवाही बरतने पर 13 परियोजना अधिकारियों को नोटिस जारी हुई है । इनमें रायगढ़ शहरी परियोजना अधिकारी के वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं। खरसिया प्रशासनिक पर्यवेक्षक अधिकारी, धरमजयगढ़ परियोजना अधिकारी, कापू परियोजना अधिकारी, लैलूंगा प्रशासनिक पर्यवेक्षक अधिकारी, मुकड़ेगा प्रशासनिक पर्यवेक्षक अधिकारी, लेन्ध्रा पर्यवेक्षक रिसोरा, लेन्ध्रा पर्यवेक्षक तौसीर, रायगढ़ ग्रामीण पर्यवेक्षक बंगुरसरिया, खरसिया पर्यवेक्षक भुपदेवपुर, रायगढ़ ग्रामीण पर्यवेक्षक लोइंग व डुमरपाली, पर्यवेक्षक मुकड़ेगा, पर्यवेक्षक बीरसिंहा, लेन्ध्रा प्रशासनिक परियोजना अधिकारी, पुसौर प्रशासनिक अधिकारी, बरमकेला प्रशासनिक अधिकारी, कापू पर्यवेक्षेक को कार्य पर लापरवाही बरतने पर नोटिस जारी करने के निर्देश डीपीओ को कलेक्टर श्री सिंह ने दिए।

एनआरसी में लगाएं सीसीटीवीए रोज लें रिपोर्ट

समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने एनआरसी के आंकड़ों पर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एनआरसी में सीसीटीवी लगवाने और हर रोज फोटो और नाम सहित रिपोर्ट लेने और बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरन उन्होंने सभी एनआरसी की गंभीरता से जांच करने की भी बात कही। इस दौरान कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन बेईंग मशीन खराब होने की बात सामने आई, जिसे जल्द सुधरवाने या नई मशीन खरीदने के निर्देश कलेक्टर श्री सिंह ने दिए।

कुपोषण दर 13 फीसदी घटाया,मुनुन की पर्यवेक्षक को मिली शाबाशी

चर्चा के दौरान यह बातें सामने आई की मुनुन की पर्यवेक्षक श्रीमती शैलेश यादव द्वारा पूर्व के 20 प्रतिशत कुपोषण की संख्या को 7 प्रतिशत पर लाया गया है। इस पर कलेक्टर श्री सिंह ने सुपरवाइजर श्रीमती शैलेष यादव की कार्यों की तारीफ करते हुए ऐसे ही सभी को काम करने की बात कही। श्रीमती यादव ने बताया कि उन्होंने गांव के सरपंच-पंच से मिलकर उन्हें बच्चों के वजन और सही खान-पान की जानकारी दी। इसी तरह बच्चों के परिजनों से डोर-टू-डोर मिलकर सभी को बच्चों के वजन और सही खान-पान के लिए जागरूक किया। इससे ही उसे कुपोषण प्रतिशत कम करने में कामयाबी मिली।