कोरोना मॉनिटरिंग सेल की ड्यूटी से बिना सूचना गायब हो गए 6 अधीक्षक, गिरेगी कार्यवाई की गाज

सहायक आयुक्त की नोटिस के बाद कोविड -पाजिटिव होने का वाट्सएप से दे रहे हवाला ,रिपोर्ट भी सक्षम अधिकारी के नहीं दिए

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । बिना अनुमति कोविड -19 की ड्यूटी से नदारद रहने वाले 6 आश्रम छात्रावास अधीक्षकों को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घण्टे के भीतर व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का अल्टीमेटम दिया है। नोटिस के बाद नया मोड़ आ गया है ,लापरवाह छात्रावास अधीक्षकों ने कोविड -पॉजिटिव होने के बाद भी सहायक आयुक्त को व्हाट्सएप से नोटिस का जवाब देने के बाद भी शशरीर लॉक डाउन के दरम्यान उपस्थिति दर्ज कराने का आरोप लगाया है।

यहाँ बताना होगा कि कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है बेकाबू कोरोना ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जिले में औसतन 750 कोरोना संक्रमित मरीज पिछले एक सप्ताह से निकल रहे हैं। वहीं दर्जनों संक्रमित रोजाना दम तोड़ रहे हैं। मौजूदा समय में जिले में 7077 सक्रिय संक्रमित केस हैं। सर्वाधिक सक्रिय केसों की सूची में कोरबा जिला प्रदेश में सातवें पायदान पर है। लॉकडाउन के दौरान भी बेकाबू कोरोना का कहर जारी है । लॉकडाउन 12 अप्रैल से लेकर अब तक पिछले 13 दिनों में जिले में 9749 संक्रमित मिल चुके हैं। वहीं 134 संक्रमित जिंदगी की जंग हार चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कहर पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन द्वारा तमाम सरकारी अमले की कोविड -19 में ड्यूटी लगाई गई है । सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सह सहायक नोडल अधिकारी जिला स्तरीय होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग सेल द्वारा छात्रावास अधीक्षकों की द्वारा भी जिला स्तरीय होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग सेल में ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन इन अधीक्षकों में से 6 अधीक्षक 21 अप्रैल को बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित मिले । कोविड -19 के नियंत्रण में सौंपे गए महत्वपूर्ण कार्य दायित्व को छोंड़कर ड्यूटी से नदारद रहने वाले अधीक्षकों पर मॉनिटरिंग सेल के सहायक नोडल अधिकारी एस के वाहने ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घण्टे के भीतर व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। नोटिस मिलते ही अधीक्षकों में हड़कंप मच गया। सभी अधीक्षकों ने नोटिस के जवाब में सहायक आयुक्त को व्हाट्सएप से जवाब प्रस्तुत किया कि वे कोविड पॉजिटिव हैं लिहाजा व्यक्तिगत तौर पर स्पष्टीकरण देने कोविड-प्रोटोकॉल तोड़कर उपस्थित नहीं हो सकते। इस बीच अधीक्षकों ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके द्वारा प्रस्तुत कोविड -रिपोर्ट स्पष्टीकरण के बावजूद उन्हें बुलाया जा रहा है। जबकि सहायक नोडल अधिकारी श्री वाहने का कहना है कि नोटिस जारी करने के बाद सभी कोविड पॉजिटिव होने की बात कह रहे । सक्षम शासकीय अस्पताल की कोविड रिपोर्ट भी अधीक्षकों द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस लिहाज से उनका स्पष्टीकरण पत्र अस्वीकार्य है। जो प्रशासन के निर्धारित गाइडलाइंस हैं उसके अनुरूप सम्बन्धितों पर कार्यवाई होगी।

कहीं ड्यूटी से बचने का बहाना तो नहीं!

जिस तरह 6 छात्रावास अधीक्षक एक ही दिन कोविड -19 की ड्यूटी से अनुपस्थित मिले ,और सभी कोरोना पाजिटिव हो गए यह बात विभाग के गले नहीं उतर रही। छात्रावास अधीक्षकों की ये छुट्टी मारने की तरकीब भी हो सकती है क्योंकि उन्होंने कोविड-19 पॉजिटिव की रिपोर्ट झोला छाप डॉक्टरों से लिखवाकर स्पष्टीकरण के साथ व्हाट्सएप किया है। जिले की मुखिया कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल मोर्चे से कोरोना की जंग में जिला प्रशासन की अगुवाई कर रही हैं। अन्य सभी जिला ,अनुविभाग ,ब्लाक ,सेक्टर स्तर के अधिकारी कर्मचारी कोविड -19 की जंग में जान जोखिम में डालकर अपने कार्य दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। कुछ कर्मचारी इस बीच जान गंवा बैठे हैं तो दर्जनों संक्रमित हो चुके हैं। फिर भी कोरोना की जंग में प्रशासन की लड़ाई जारी है। ऐसी संकट की स्थिति में कार्य दायित्वों से भागना या पीछे हटना उचित नहीं है।

इनको जारी हुआ नोटिस

6 छात्रावास अधीक्षकों को नोटिस जारी हुआ है ,इनमें
प्री मैट्रिक बालक छात्रावास कोरबा के राजेश कुमार मार्बल ,प्री मैट्रिक बालक छात्रावास श्यांग के उमेंद रात्रे ,कन्या आश्रम तिलकेजा के मीनाक्षी कमल ,प्री मैट्रिक बालक छात्रावास कुदमुरा के राकेश कौशक, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास केराकछार के मिलन देव राम ,एवं प्री मेट्रिक बालक छात्रावास नवापारा के फलेश साहू शामिल हैं।

वर्जन

नियमानुसार जारी किया नोटिस,होगी कार्यवाई

कोविड -19 की संवेदनशील ड्यूटी लगे होने के बावजूद बिना सूचना अधीक्षक कार्यस्थल से अनुपस्थित पाए गए। नियमानुसार नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा हैं। नोटिस के बाद व्हाट्सएप से कोविड -पॉजिटिव होने की सूचना दे रहे हैं उसमें भी कोविड -19 पॉजिटिव का झोला छाप डॉक्टरों से लिखवाकर सेंड किया गया रिपोर्ट है। सक्षम संस्थान /अधिकारी की रिपोर्ट नहीं है। सम्बन्धितों पर नियमानुसार कार्यवाई होगी।

एस के वाहने,सहायक आयुक्त ,सह सहायक नोडल अधिकारी जिला स्तरीय होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग सेल