कोरोना से मृत आश्रितों को चार- चार लाख मुआवजा दिया जाए- सिन्हा

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि कोविड-19 महामारी में मृत आश्रितों को अनेक राज्य सरकारों मुख्यमंत्री सहायता कोष या राजस्व एवं आपदा प्रबंधन द्वारा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोविड-19 में हजारों मृतकों के आश्रितों को आज दिनांक तक मुआवजा राशि नहीं दी गई, जो चिंता का विषय है।

    सिन्हा ने आगे बताया की कोविड-19 को भारत सरकार ने पूरे देश में महामारी आपदा घोषित किया है । इस तरह से कोविड-19 महामारी में जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनके आश्रितों को छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री सहायता कोष या राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 4 लाख  की सहायता राशि तत्काल दिया जाना चाहिए क्योंकि कोविड-19 में जान गवाने वाले के आश्रितों को उनका हक मिलना चाहिए।
            सिन्हा ने आगे बताया कि बिहार सरकार कोविड-19 में मृत आश्रितों को 2020 से ही मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतक आश्रितों को 4-4 लाख की सहायता राशि दी जा रही है । फिर छत्तीसगढ़ में मृतक आश्रितों को सहायता क्यों नहीं दी जा रही है। इस संबंध में सिन्हा ने 2020 में भी छत्तीसगढ़ शासन के समक्ष मृतक आश्रितों को मुआवजा के रूप में 4-4 लाख देने की मांग की थी। छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों से मृतकों के आश्रितों ने भी सहायता राशि हेतु आवेदन कलेक्टरों को दिया था । जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से सहायता राशि वितरण हेतु दिशा निर्देश की मांग की थी।  सिन्हा ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय छत्तीसगढ़ के पत्र क्र एफ 1-217/ राजस्व/राहत 2020/1452, नवा रायपुर दिनांक 16.12.2020 के द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को जानकारी दी गई है कि कोविड-19 में मृतक आश्रितों को सहायता राशि 4-4 लाख न दी जाए। भारत सरकार से दिशा निर्देश नहीं आने के कारण मृतक आश्रित के आवेदकों पर विचार न की जाए  सिन्हा ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह कहना गलत है कि भारत सरकार का दिशा निर्देश नहीं आने के कारण भुगतान नहीं की जाएगी जबकि छत्तीसगढ़ सरकार की स्वयं की जिम्मेदारी है कि अन्य प्रदेशों का अनुशरण करते हुए मुख्यमंत्री सहायता कोष या राजस्व आपदा प्रबंधन फंड से मृतक आश्रितों को तत्काल 4- 4 लाख रुपये दिया जाना चाहिए। साथ ही साथ लोक डाउन के दौरान ऐसे मजदूर जो प्रतिदिन मजदूरी करके अपने जीवन यापन कर रहे थे, जो लॉकडाउन में उनकी रोजी-रोटी बंद हो गई है । ऐसी स्थिति में उन मजदूरों तथा छोटे-मोटे व्यापारी, ऑटो चालक, बस कंडक्टर, ड्राइवर दुकानों में काम करने वाले मजदूर स्टेट वेंडर आदि के सहायता के लिए छत्तीसगढ़ सरकार तत्काल राहत पैकेज की घोषणा करते हुए अपनी महाती जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हुए गरीब मजदूरों को राहत दी जाए ऐसी शासन से उम्मीद है।