साइलेन्ट रेड…ऑक्सीमीटर की कालाबाज़ारी का सच जानने पटवारी बने ग्राहक, मेडिकल संचालक ने 1800 में बेचा, लगा 5 हजार का जुर्माना..

रायगढ़। ऐसे समय मे जब हर तरफ कोविड रिलेटेड दवाईयां या संसाधनों की मांग है, तब आपदा में अवसर खोजने में कुछ मेडिकल स्टोर के संचालक भी पीछे नहीं है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से आक्सीजन मापने के लिए ऑक्सिमीटर की खरीदी- बिक्री भी बड़े पैमाने पर की जा रही है। शहर की कई मेडिकल दुकानों में ऑक्सिमीटर के अलग-अलग रेट हैं। जिला प्रशासन को कई दवाई दुकानों पर इसकी कालाबाजारी की शिकायत लगातार मिल रही थी। कलेक्टर ने वर्चुअल मीटिंग में राजस्व विभाग को मेडिकल स्टोर में मिलने वाले ऑक्सिमीटर के रेट की जांच के आदेश दिए थे।

कलेक्टर के आदेश के बाद रायगढ़ तहसीलदार सीमा पात्रे, नायब तहसीलदार श्रुति शर्मा, डीएसपी अंजू कुमारी ड्रग इंस्पेक्टर और राजस्व अमले व पुलिसकर्मियों के साथ शहर के मेडिकल दुकानों में पहुंचे। पटवारियों को अलग-अलग दवा दुकानों में ऑक्सीमीटर खरीदने भेजा गया।
शहर के अग्रसेन चौक के पास स्थित दीपक मेडिकल स्टोर में 1800 रुपये में ऑक्सीमीटर पटवारी को बेचा गया जिसका बिल भी दुकानदार ने दिया।यह रेट अन्य दुकान की अपेक्षा ज्यादा था। इसके बाद तहसीलदार ने दीपक मेडिकल पर 5000 रुपाए का जुर्माना किया है।
मेडिकल स्टोर में मिलने वाले ऑक्सिमीटर का वह बिल जो थोक विक्रेता को देना होता है, वह बिल भी दीपक मेडिकल स्टोर का संचालक पेश नहीं कर सका जिससे यह भी पता नही लग सका है कि थोक विक्रेता ने ऑक्सिमीटर को किस रेट में मेडिकल स्टोर को दिया था।
दूसरी तरफ कार्रवाई के दौरान दीपक मेडिकल स्टोर में मेडिकल शॉप एसोशिएशन के अध्यक्ष अजय अग्रवाल भी पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार को बताया कि ऑक्सिमीटर के थोक बिक्री दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में छोटे दवा दुकानदारों को जिस रेट में ऑक्सिमीटर उपलब्ध हो रह, वह उसी हिसाब से जरूरतमंद लोगों को बिक्री कर रहे हैं।
वजह चाहे जो भी हो पर एक ही कम्पनी का ऑक्सिमीटर अलग-अलग मेडिकल स्टोर में अलग-अलग दामों पर बेचा जाए तो कार्यवाही जायज है।