COVID-19, corona Pandemic, Russia, US, COVID-19, oxygen concentrator, ventilators, Delhi, News: भारत के सबसे कठिन दौर में बड़ी संख्या में देश भारत को मेडिकल सहायता भेजने के लिए कदम उठा रहे हैं. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार अमेरिका, रूस कोविड महामारी से निपटने के लिए बड़ी सहायता भेजी है. रूस से भेजी मेडिकल उपकरण और दवाईयों से भरे दो कार्गों प्लेन आज गुरुवार को दिल्ली में उतर चुके हैं, वहीं, अमेरिका भी चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप को डिस्पैच कर रहा है. यह कल शुक्रवार को शाम तक भारत पहुंच जाएगी. अमेरिका भारत को 100 मिलियन डॉलर की मेडिकल सहायता कर रहा है.बड़ी संख्या में देश भारत को मेडिकल सहायता भेजने के लिए कदम उठा रहे हैं, जबकि सूत्रों ने बताया कि मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील नहीं की गई है और आपूर्ति मुख्यत: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के जरिए हो रही है.
रूसी विमान के आज सुबह भारत पहुंच चुके हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने बताया कि एयर कार्गो, दिल्ली कस्टम्स ने 24 सुबह से काम कर रहे रूस के दो फ्लाइट्स को तुरंत मंजूरी दे दी, जिसमें 20 ऑक्सीजन कंसंटेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर और 22 एमटी कुल दवाइयां शामिल हैं.
यूएस ऐड के बयान में कहा, आज अमेरिका ने भारत के लिए कोविड 19 रात शिपमेंट तैनात कर दी गई हैं. ट्रैविस एयर फोर्स बेस से दुनिया के सबसे बड़े सैन्य विमान नई दिल्ली के लिए सहायत भेजी जा रही है, जिसे कैलिफोर्निया राज्य द्वारा दान किया गया है. शिपमेंट में 440 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर शामिल हैं.


अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के लोगों की मदद करने के लिए दृढ़ है. हम COVID-19 के खिलाफ अपनी साझा लड़ाई में साथ खड़े रहेंगे.
अमेरिका से मेडिकल सहायता आज रात तक भारत पहुंच सकती है. सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत ने अमेरिका से मेडिकल आपूर्ति मांगी है, जिनमें टीके की तैयार खुराकों के साथ-साथ कोविड-19 रोधी टीके के उत्पादन के लिए कच्चा माल शामिल है. सूत्रों ने बताया कि भारत ऑक्सीजन संबंधी चीजों एवं अहम दवाइयों को लेकर दूसरों देशों से उम्मीद लगाए हुए है और वह प्रमुख देशों में भारतीय मिशनों को उनकी खरीद पर अपना प्रयास केंद्रित करने को कह चुका है. विदेशी खरीद की पूरी तवज्जो ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र, ऑक्सीजन सांद्रक और छोटे और बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों पर है, क्योंकि भारत विभिन्न संयंत्रों से ऑक्सीजन को अस्पतालों में पहुंचाने में परेशानी का सामना कर रहा है. भारत अमेरिका और अन्य देशों से रेमडेसिविर, टोसिलिज़ुमैब और फेवीपिरवीर जैसी अहम दवाओं की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

ये देश मदद के लिए आए आगे
बता दें कि अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरीशस सहित कई प्रमुख देशों ने भारत को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए मेडिकल सहायता की घोषणा कर चुके हैं.
– सिंगापुर ने मंगलवार को भारत को 256 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की.
-नॉर्वे सरकार ने भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मेडिकल सेवा के लिए 24 लाख अमेरिकी डॉलर के योगदान का ऐलान किया.
स्विटज़रलैंड भारत को भेज रहा ऑक्सीजन सांद्रक, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण
स्विटज़रलैंड कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न “चुनौतीपूर्ण समय” से निपटने में मदद करने के लिए भारत को ऑक्सीजन सांद्रक, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण भेज रहा है. इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सांद्रक और अन्य सामान भेजने की घोषणा की है.

चीन पाकिस्तान की पेशकश पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए चीन द्वारा भारत की मदद की पेशकश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है और चीन से वाणिज्यिक खरीद पर कोई रोक नहीं है. पाकिस्तान के मामले में भी अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों से मेडिकल उपकरणों की व्यावसायिक खरीद कर रहा है.
पीएम मोदी ने रुसी राष्ट्रपति पुतिन से बात कर कोविड-19 की ताजा स्थिति पर चर्चा की, सहयोग के लिए धन्यवाद दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों पर चर्चा की. इस दौरान दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष अन्वेषण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. पीएम मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि बातचीत में भारत और रूस के रक्षा तथा विदेश मंत्रियों के बीच ”टू प्लस टू” मंत्रीस्तरीय वार्ता स्थापति करने पर सहमति जताई गई. उन्होंने कहा, ” मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से आज मेरी अच्छी बातचीत हुई. हमने कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की और इसके खिलाफ लड़ाई में रूस की ओर से दी जा रही मदद और सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद किया.” उन्होंने कहा, ”अंतरिक्ष अन्वेषण, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन इकोनॉमी सहित अन्य क्षेत्रों में हमने अपने विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. स्पूतनिक-5 टीके पर हमारे बीच सहयोग से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मानवता को मदद मिलेगी. बता दें कि कि भारत में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की तेज गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी विश्व के कई नेताओं से लगातार फोन पर चर्चा कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी बात की थी.