Corona Update : कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे सचिन तेंदुलकर, दान किये 1 करोड़ रुपये

कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे सचिन तेंदुलकर

भारत में बढ़ते कोरोना के कहर के बीच मददगारों के हाथ भी बढ़ने लगे हैं. विदेशी क्रिकेटरों की पहल के बाद भारतीय क्रिकेटर भी कोरोना से बीमार मरीजों की मदद के लिए आगे आने लगे हैं. जिसमें मास्टर ब्लास्टर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अगुआई की.

सचिन ने कोरोना मरीजों की मदद के लिए 1 करोड़ रुपये के दान दिये हैं.

दरअसल सचिन ने जो दान किये हैं, उससे आक्सीजन कनसंट्रेटर्स खरीदे जाएंगे. मालूम हो आईपीएल में शामिल हुए ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पेट कमिंस ने सबसे पहले भारत की मदद करते हुए पीएम केयर्स फंड में 50,000 डॉलर दान करने की घोषणा की. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने भी करीब 40 लाख रुपये दान किये.

तेंदुलकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, कोरोना की दूसरी लहर ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को काफी हद तक प्रभावित किया है. बड़ी संख्या में गंभीर कोरोना पेशेंट्स तक ऑक्सीजन पहुंचना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है.

उन्होंने आगे कहा, मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा कि ऐसे मुश्किल वक्त में लोग पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. करीब 250 से अधिक उद्यमियों के एक ग्रुप ने मिशन ऑक्सीजन की शुरुआत की है. जिससे जमा होने वाली राशि से पूरे देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भेजे जाएंगे.

सचिन ने आगे लिखा, इस मिशन के लिए योगदान कर मैंने एक पहल की है. मुझे उम्मीद है कि इस कोशिश से हम भारत के ज्यादा से ज्यादा अस्पताओं तक पहुंच पायेंगे.

सचिन ने आगे लिखा, जब मैं भारत के लिए खेल रहा था, तो आपका समर्थन मेरे लिए अमूल्य था और उसका मेरी सफलता में बहुत बड़ा योगदान रहा है. वैसे ही इस महामारी में मदद करने वाले सभी लोगों के साथ खड़े रहने और उनका समर्थन करने की जरूरत है.

मालूम हो सचिन तेंदुलकर भी कोरोना के चपेट में आ चुके हैं. कुछ दिनों पहले ही वो अस्पताल से घर लौटे हैं. उन्होंने अस्पताल से लौटने के बाद अपने समर्थकों को धन्यवाद कहा था और उस समय घोषणा की थी वो कोरोना के खिलाफ जंग में प्लाज्मा दान करेंगे.

मालूम हो भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बुधवार को एक दिन में सर्वाधिक तीन लाख 79 हजार 257 नये मामले सामने आए. इस संकट से देश की स्वास्थ्य प्रणाली भी जूझ रही है और संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाइयों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.