तंबूरे की धुन पर छत्तीसगढ़ी गीत से कोरोना टीकाकरण भ्रांतियों को कर रहे दूर

कटघोरा वनमंडल के डिप्टी रेंजर कर रहे ग्रामीणों को जागरूक

कोरबा । आज पूरा विश्व जानलेवा महामारी कोरोना से जूझ रहा है देश मे कोरोना महामारी की तीसरी लहर से आमजनो को काफी नुकसान पहुंचा है। हर कोई अपने परिवार और समाज की सुरक्षा की दिशा में प्रयास कर रहा है। इस दौरान कोविड टीकाकरण के जनजागरूकता के लिए एक शख्स का वीडियो इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में पारम्परिक ग्रामीण वेशभूषा ने नजर आ रहे शख्स के हाथों में तम्बूरा है, वह छत्तीसगढ़ी राजभाषा में गीत गाकर ग्रामीणों को टीकाकरण कराकर खुद को सुरक्षित रखने की अपील कर रहा है।

दरअसल स्थानीय वेशभूषा में मधुर गीत गाता नजर आ रहा युवक कोई और नही बल्कि कटघोरा वनमंडल में पदस्थ डिप्टी रेंजर संतोष कुमार रात्रे हैं। करीब 40 वर्ष के संतोष कुमार फिलहाल वनमंडल कटघोरा के एतमनागर वनपरिक्षेत्र में बतौर उप वनपरिक्षेत्राधिकारी पदस्थ है। श्री रात्रे गायन के साथ-साथ वादन विधा में भी गहरी रुचि रखते है। मूलतः बिलासपुर जिले के संतोष रात्रे कटघोरा में निवासरत है। वे जनजागरूकता से जुड़े विषयो पर लंबे वक्त से कार्य कर रहे है। अपने पेशेवर कर्तव्यों से इतर संतोष कुमार रात्रे जंगलो को बचाने ग्रामीणों के बीच गायन-वादन कर उनका उत्साह बढ़ाते रहते है। यही वजह है कि आज जब देश, प्रदेश और समूचा उर्जाधानी कोरबा कोविड जैसी घातक बीमारी की चपेट में है तो डिप्टी रेंजर सन्तोष रात्रे लोगों को कोविड वेक्सीनेशन के लिए जागरूक करने एक बार फिर से गांव-गांव जाकर अभियान चला रहे है। वे ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगातार हाथ धोने, मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के साथ-साथ बीमारी से जुड़ी जानकारियां दे रहे हैं। श्री रात्रे गांव और ग्रामीण समाज के बीच बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पारम्परिक स्वरचित गीतों के माध्यम से उन्हें कोरोना गाइडलाइन का पालन करने और घर के सभी सदस्यों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराने के लिए प्रोत्साहित कर रहे।

जंगलों को बचाने प्रेरित कर रहे

संतोष रात्रे बताते है कि चूंकि उनका कार्यक्षेत्र वन्यप्राणी और वन्यजीवन के देखरेख से जुड़ा है लिहाजा वे ग्रामीणों को जंगलो को बचाने के लिए प्रेरित करते है। वे ग्रामीणों को अफसर के रूप में भी समझाइस देते है तो कभी-कभी उनका मनोरंजन करते हुए गीत-वाद्य के माध्यम से जानकारी बताते हैं। एतमनागर जहां वे पदस्थ है वह प्रदेश के सबसे अधिक हाथी प्रभावित क्षेत्रों में शुमार है। मदहोश हाथी और ग्रामीणों के बीच दशकों से जारी द्वन्द ने दोनों को ही गहरा नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान ने उन्हें भीतर से झकझोर दिया है। नतीजतन वे अब समूचे वन्यजीवन और ग्रामीणों की सुरक्षा का बीड़ा उठा चुके है।

धुर वन क्षेत्रों में फिल्माए गए हैं वीडियो

सन्तोष रात्रे का कोविड टीकाकरण को लेकर पहला वीडियो है। उनके दर्जनो वीडियो हाथी प्रभावित धुर वन क्षेत्रों में फिल्माएं गए है। वीडियो में वे गांव के लोगो को हाथियों के हमले से कैसे बचाव करना है इसकी सीख देते है।इसके अलावा जंगलो में आग नही लगाने के लिए लोगो को प्रेरित करते है।वे नही चाहते कि इस द्वन्द से मानव जीवन के साथ वन्यजीवन और जंगलो को नुकसान पहुंचे इसलिए हाथियों से बचाव के सरकारी प्रयासों से अलग गीत गाकर या संगीत के माध्यम से उन्हें इसकी सीख देते है।अपने इस विशेष स्वभाव की वजह से वे विभागीय स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुके हैं।

वीडियो प्लेटफार्म यू ट्यूब पर अपलोड करते है वीडियो, 27 हजार से ज्यादा लोगो ने किया विजिट

संतोष रात्रे को जनजागरूकता की इस विधा में इतनी गहरी रुचि है कि उन्होंने पब्लिक वीडियो प्लेटफॉर्म यू-ट्यूब पर ‘जंगल मैन रात्रे सीजी रात्रे‘ नाम से एक अकाउंट भी बनाया है। इस पर उनके जन जागरूकता से जुड़े लगभग 20 वीडियो अपलोड हैं। इस विडीओ प्लेटफॉर्म में संतोष रात्रे के 3 सौ से ज्यादा फॉलोवर है जबकि 27 हजार लोग उनके वीडियोज को अबतक देख चुके हैं।