नई दिल्ली: गूगल अपने यूजर्स के लिए पिछले 15 मिनट में की गई किसी भी सर्च की हिस्ट्री चुटकियों में मिटा देने की सुविधा ला रहा है, जिसे यूजर्स की निजता की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
यूजर्स को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण रखने की सुविधा देने वाली गूगल दूसरी टेक कंपनी बन गई है. जनवरी 2020 में फेसबुक ने घोषणा की थी कि दुनियाभर में उसके यूजर्स के पास अब एक-क्लिक पर काम करने वाला ‘क्लियर हिस्ट्री’ नामक बटन होगा.
निजता संबंधी फीचर बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने की एक वजह है कि गूगल और फेसबुक जैसी टेक कंपनियों पर यूजर की निजता को लेकर कई बार जांच का सामना करना पड़ रहा है और उपयोगकर्ताओं और नियामकों की तरफ से इसकी सुरक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाने का दबाव भी पड़ रहा है.
गूगल ने डेवलपर्स के लिए अपनी सालाना गूगल आईओ कांफ्रेंस में ‘क्विक-डिलीट’ सर्च हिस्ट्री फीचर की घोषणा की.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेन फिट्जपैट्रिक ने वर्चुअल इवेंट में कहा, ‘हम आपकी निजी जानकारी कभी किसी को नहीं बेचते हैं. बस यह सीमाओं से परे है.’
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अपनी गूगल सर्च हिस्ट्री को ‘क्विट डिलीट’ कैसे करें?
आपके ताजा गूगल सर्च हिस्ट्री को बस दो स्टेप में ‘क्विक डिलीट’ किया जा सकता है. बस आपके पास एक गूगल एकाउंट होना चाहिए.
स्टेप 1: गूगल एकाउंट प्रोफाइल पिक्चर पर टैप करें. एक ड्रॉप-डाउन मेनू दिखाई देगा.
स्टेप 2: ‘डिलीट लास्ट 15 मिनट्स’ पर क्लिक करे और बस आपकी सबसे आखिरी सर्च हिस्ट्री से जुड़ा डेटा मिट जाएगा.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल इवेंट में निजता बरकरार रखने वाली अन्य सुविधाओं के बारे भी जानकारी दी गई और इनमें पासवर्ड सुरक्षा और एंड्रायड उपकरणों के लिए डेटा उपयोग अनुमतियों से जुड़े और टूल शामिल हैं.
फिट्जपैट्रिक ने कहा, ‘कोई और इस तरह की तकनीकी रूप से मजूबत और सत्यापित की जाने लायक निजता सुविधा प्रदान नहीं करता है.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अन्य दिग्गज टेक कंपनी एप्पल अपने आईफोन को गूगल के एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित डिवाइस के रूप में स्थापित करने में ‘वर्षों लगाए हैं.
यूजर प्राइवेसी के लिए टेक कंपनियां पहले भी उठा चुकीं कदम
मई 2019 में गूगल ने यूजर्स की निजता को ध्यान में रखते हुए उनकी सुविधा के लिए गूगल सर्च फंक्शन में डेटा कंट्रोल के लिए कई फीचर जोड़े थे. हालांकि, कई यूजर्स को इन्हें नियंत्रित करने की सुविधा का पता नहीं होगा लेकिन हिस्ट्री मिटाना यूजर प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए ज्यादा अधिक प्रभावी तरीका होगा.
2019 में प्राइवेसी फीचर्स की शुरुआत करते हुए गूगल ने एक ब्लॉग ने कहा था, ‘आपको अपने गूगल एकाउंट में लोकेशन हिस्ट्री और वेब और एप गतिविधियों को आसानी से ऑन/ऑफ करने की सुविधा मिली हुई है और अगर चाहें तो सारा डेटा मैनुअली भी डिलीट कर सकते हैं. इन विकल्पों के अलावा, हम ऑटो-डिलीट कंट्रोल की घोषणा कर रहे हैं जो आपके डेटा को मैनेज करना और भी आसान बनाते हैं.’
ब्लॉग में कहा गया था, ‘ऑटो डिलीट कंट्रोल के साथ यूजर एक समयसीमा चुन सकता है कि वह अपने कितने समय तक की गतिविधियों से जुड़ा डाटा गूगल द्वारा सहेजे रखना चाहता है. उस अवधि से पहले का कोई भी डेटा आपके एकाउंट से अपने-आप खत्म होता जाएगा.’
ऑटो-डिलीट कंट्रोल लोकेशन हिस्ट्री और वेब और ऐप गतिविधि से संबंधित यूजर डेटा को मिटाने के लिए लागू था.
जनवरी 2020 में फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने ‘दशक की शुरुआत आपको अपनी निजता पर और नियंत्रण के साथ’ शीर्षक से लिखे गए एक ब्लॉग में यूजर हिस्ट्री डिलीट करने कुछ ऐसे ही उपाय बताए थे.
जुकरबर्ग ने ब्लॉग में बताया था कि दुनियाभर में सभी यूजर्स के लिए ‘ऑफ-फेसबुक एक्टिविटी’ नाम का एक टूल उपलब्ध होगा. पहले, यह टूल आयरलैंड, दक्षिण कोरिया और स्पेन जैसे चुनिंदा देशों में ही उपलब्ध था.
जुकरबर्ग ने कहा था, ‘अन्य व्यवसाय हमें अपनी साइटों पर आपकी गतिविधि के बारे में जानकारी भेजते हैं और हम उस जानकारी का उपयोग आपके लिए उपयुक्त विज्ञापन दिखाने के लिए करते हैं.’
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन अब ऑफ-फेसबुक एक्टिविटी टूल के साथ ‘आप उस जानकारी की समरी देख सकते हैं और यदि आप चाहें तो इसे अपने खाते से हटा सकते हैं.’
इस टूल को 2019 में जब पहली बार पेश किया गया था तो फेसबुक ने कहा था, ‘यदि आप अपनी ऑफ-फेसबुक एक्टिविटी डिलीट करते हैं तो हम आपकी पहचान संबंधी जानकारी उस डेटा से हटा देंगे जिसका इस्तेमाल एप और वेबसाइट हमें भेजने के लिए करती हैं. हम यह नहीं जान पाएंगे कि आपने कौन-सी वेबसाइट खोली या आपने वहां पर क्या देखा और हम आपकी तरफ से डिस्कनेक्ट किए गए किसी भी डेटा का उपयोग फेसबुक, इंस्टाग्राम या मैसेंजर पर विज्ञापनों को लक्षित करने के लिए नहीं करेंगे.
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शेखर गुप्ता
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