डीएमएफ से भर्ती डॉक्टरों की खराब परफॉर्मेंस पर जताई नाराजगी,कहा ढाई लाख सैलरी दे रहे तो काम करना होगा नहीं तो कर देंगे छुट्टी,अस्पताल की अव्यवस्था पर लगाई फटकार
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । कलेक्टर श्रीमती रानू साहू गुरुवार को एक्शन मोड में रहीं। जहां उन्होंने कोविड टीकाकरण केंद्र पहुँचकर 18 वर्ष और अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण का जायजा लिया ,वहीं केन्द्र के निरीक्षण के दौरान मौके पर वैक्सीनेशन प्रभारी के अनुपस्थित पाए जाने पर नाराजगी जताते हुए केन्द्र प्रभारी डाॅ. दीपक राज और सीपीएम अशोक सिंह को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।वहीं उन्होंने
जिला खनिज न्यास मद से भर्ती डाक्टरों के परफार्मेंस की जानकारी लेने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली ।कलेक्टर ने खराब परफार्मेंस पर कड़ी फटकार लगाते हुए दो टूक लहजे में कहा कि ढाई लाख की सैलरी ले रहे हैं तो परफॉर्मेंस देना होगा ,वरना छुट्टी कर दी जाएगी।

तेज तर्रार कार्यशैली के लिए जाने जानी वालीं कलेक्टर रानू साहू एक बड़े औद्योगिक व आदिवासी बाहुल्य जिले की कमान मिलने के बाद कोरबा की सेहत सुधारने तमाम ग्राउंड जीरो पर काम करना शुरू कर दी हैं।
गुरुवार को टीकाकरण केन्द्र के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने वैक्सीनेशन रूम का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान टीकाकरण केन्द्र पर टीका लगवाने आए हुए लोगों से कहा कहा कि कोविड का टीका सभी पात्र लोगों को लगवाना चाहिए, यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित एवं भरोसेमंद है। कोरोना से बचाव के लिए कोविड का टीका ही अभी के समय में एकमात्र उपाय है। टीकाकरण से संबंधित अफवाहों पर ध्यान नहीं देते हुए सभी को टीका लगवाना चाहिए और अपने आसपास दूसरे लोगों को भी टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।कलेक्टर श्रीमती साहू ने इस दौरान नर्स स्टाफ रूम का भी निरीक्षण किया तथा नर्सों को पूरी ईमानदारी एवं सेवा भाव से कार्य करने के निर्देश दिए। जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों को लगातार कोविड टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य शासन से प्राप्त कोविड टीके की उपलब्धता के अनुसार लोगों को कोविड टीका लगाया जा रहा है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के कारण कोरोना संक्रमण दर में कमी आई है जिससे संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। जिला प्रशासन कोरोना टीके की उपलब्धता सुनिश्चित करने और जिले में कोरोना के सम्पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य कोे प्राप्त करने के लिए सजग और गंभीर है। इस दौरान सहायक कलेक्टर अभिषेक शर्मा, एसडीएम कोरबा सुनील नायक एवं सीएमएचओ डाॅ. बी. बी. बोडे सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
परफार्मेंस सुधारिए नहीं तोहोगी छुट्टी ,जिला अस्पताल को रेफरल सेंटर नहीं बनने देंगे
कलेक्टर रानू साहू मेडिकल कालेज भवन का निरीक्षण करने के बाद आईटी कॉलेज पहुंचीं । इसके बाद एसआईसी कोविड हॉस्पिटल और वैक्सीनेशन सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया। इसके उपरांत उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ केंद्र सहित जिला अस्पताल में स्वास्थ सुविधाओं की जानकारी लीं । अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी पेश कर पाते उससे पहले ही कलेक्टर रानू साहू ने जिला अस्पताल में संचालित सोनोग्राफी सेंटर में प्रतिदिन होने वाले सोनोग्राफी की जानकारी मांग ली । डाक्टर्स ने प्रतिदिन 20 मरीजों का सोनोग्राफी होने की बात कही। इसके बाद जिला खनिज न्यास मद से भर्ती डाक्टरों के परफारर्मेस पर जानकारी ली ।कलेक्टर के सवाल और मेडिकल अफसरो के जवाब जिले में व्याप्त स्वास्थ व्यवस्था की हकीकत बयां कर रहे थे। फिर क्या था कलेक्टर रानू साहू ने तत्काल डीएमएफ से भर्ती डाक्टरों के साथ ही जिला अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों की 2 साल की ओपीडी और आईपीडी रिकार्ड जांच के लिए पेश करने का आदेश दे दिया।
कलेक्टर ने तल्ख लहजे में मेडिकल अफसरो को चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि डीएमएफ फंड से ढाई-ढाई लाख रूपये की सैलरी लेने वाले डाक्टरों को परफारर्मेंस देना होगा, अगर डाक्टरों की भर्ती मरीजों को बेहतर स्वास्थ लाभ देेने के लिए किया गया है, तो उन्हे अस्पताल को रेफरल सेंटर न बनाकर मरीजों का उपचार करना ही पड़ेगा। इस कार्य में कोताही या लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर रानू साहू के सख्त तेवर को देखकर स्वास्थ विभाग मेें हड़कंप मचा हुआ है। वहीं ऐसे डाॅक्टर जो सरकारी अस्पताल में हाजिरी लगाकर अपने निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करते है, उनकी नींद उड़ गई है।